भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड टास्क फ़ोर्स ने कोरोना काल में लोगों की मज़बूरी का फ़ायदा उठा RTC-PCR की होम कलेक्शन के नाम कालाबाजारी कर ठगने वाले को किया गिरफ्तार।
वर्तमान में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत् जीवन रक्षक औषधी, वैक्सीन व ऑक्सीजन एवं अन्य चिकित्सीय संसाधनो की मांग काफी बढ़ गयी है। जहां एक ओर सम्पूर्ण देश इस वैश्विक माहमारी से ग्रसित है तथा अधिकांश व्यक्ति/सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थायें आदि इस माहमारी में समाज के दुर्बल वर्ग एवं जरुरतमंदो की हर सम्भव सहायता प्रदान कर रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ असमाजिक तत्व एवं अवसरवादी लोग इस माहमारी को कमाने का अवसर मानते हुये जीवन रक्षक औषधी, वैक्सीन व ऑक्सीजन एवं अन्य चिकित्सीय संसाधनो की कालाबाजारी करने से बाज नही आ रहे है ।
ऐसे ही एक प्रकरण में आज दिनांक 03-05-2021 को एक महिला निशा जोशी निवासी गढ़वाली कालोनी, रायपुर देहरादून द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर सूचना दी गयी कि उनके द्वारा अपने रिश्तेदारो का covid-19 परीक्षण कराने के उद्देश्य से सैम्पल घर से ही प्राप्त करने हेतु अनुज गुप्ता नामक व्यक्ति से सम्पर्क किया गया, जिसने स्वयं को झाझरा स्थित पैथोलॉजी लैब का कर्मचारी बताते हुये प्रति सैम्पल 1200/- रुपये शुल्क लेने की बात कही गयी तथा रिपोर्ट 04 दिन में उपलब्ध कराना बताया गया। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त को प्रति सैम्पल 1200/- रुपये की दर से भुगतान किया गया। इसके उपरान्त शिकायतकर्ता द्वारा झाझरा स्थित पैथोलॉजी लैब से सम्पर्क किया गया तो उनके द्वारा अनुज गुप्ता नामक व्यक्ति को न पहचानना तथा सैम्पल रजिस्ट्रेशन नम्बर गलत होना बताया गया। इसके बाद दिनांक 02-5-2021 को अनुज गुप्ता द्वारा शिकायतकर्ता को covid-19 परीक्षण रिपोर्ट प्रेषित की गयी जिसमे सैम्पल दिनांक एवं अन्य काफी त्रुटिया दर्शित हो रही थी । इस शिकायत को साईबर थाने में दर्ज कराया गया शिकायत की जाँच उपरान्त यह पाया गया कि अभियुक्त द्वारा छः सैम्पल के लिए 7200/- रुपये वादिनी से ऑनलाईन लिये गये। परन्तु सरकारी रेट के अनुसार कुल 3000/- रुपये का भुगतान बनता था। इससे साफ प्रतीत होता है कि अभियुक्त द्वारा प्रतिदिन ऐसे जरुरतमन्द लोगो से अवैध रेट पर ठगी की जाती है। साथ में यह सैम्पल रुडकी में स्थित प्रिफर्ड लैब में भेजा गया जहाँ इसकी पुष्टि हुयी कि प्रार्थी द्वारा अवैध लाभ सैम्पल होम कलैक्शन के नाम पर किया जा रहा है।
उक्त शिकायती प्रार्थना पत्र पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर अनुज गुप्ता के विरुद्ध फर्जी लैब कर्मचारी बनकर covid-19 परीक्षण हेतु सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि लेने के सम्बन्ध में धारा 188, 420 भादवि, 66(C), 66(D) आईटी एक्ट व , धारा 02, 03 माहमारी अधिनियम का अभियोग पंजीकृत किया गया है।
अपराध का तरीकाः-
अभियुक्त स्वयं को विभिन्न पैथोलॉजी लैब का कर्मचारी बताते हुये कोविड परीक्षण कराने वाले जरुरतमंदो से सम्पर्क करता था तथा Home Sample collection के नाम पर प्रति सैम्पल 1200/- रुपये लेता था, इसके उपरान्त अभियुक्त अलग-अलग पैथोलॉजी लैब मे 500/- रुपये मे परीक्षण कराकर प्रति सैम्पल 700/- रुपये मुनाफा कमाता था । अभियुक्त अनुज कुमार गुप्ता निवासी अपर नेहरु ग्राम, रायपुर देहरादून उम्र- 36 वर्ष को हिरासत में लेकर पुलिस द्वारा पूछताछ की गयी तो उसके द्वारा बताया गया कि वह जरुरतमंदो का कोविड परीक्षण हेतु सैम्पल घर से प्राप्त करता था तथा प्रति सैम्पल 1200/- रुपये लेता है । इसके उपरान्त विभिन्न लैबो मे जाकर 500/- रुपये में उनका परीक्षण कराता था जिससे उसे प्रति सैम्पल 700/- रुपये का मुनाफा होता था । अभियुक्त के सम्बन्ध मे गोपनीय जांच की गया तो ज्ञात हुआ कि अभियुक्त किसी भी पैथोलॉजी लैब का कर्मचारी नही है, साथ ही सम्बन्धित पैथोलॉजी लैब से बिलो के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो वो मात्र 500/- रुपये के होने पाये गये ।
कालाबाज़ारी पर अंकुश लगाने और आमजन को महँगे दामो पर कोविड काल मे दवाएं और आवश्यक वस्तुएं देने की शिकायतों पर कार्यवाही के लिए स्पेशल टास्क फोर्स कार्यालय में पुलिस मुख्यालय के निर्देश के क्रम में हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। उपरोक्त हेल्पलाइन में प्राप्त सूचना को निरंतर तस्दीक कर कार्यवाही की जा रही साथ ही सूचनाओ को संबंधित थाने,विभाग को भी शेयर किया जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर कोई भी व्यक्ति शिकायत करता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई किए जाने के निर्देश पुलिस महानिदेशक द्वारा विगत कुछ समय पहले सभी को दिए गए थे । हेल्प लाइन no. 9411112780, 9412029536 पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किये गए हैं।
उत्तराखण्ड एस0टी0एफ0 प्रभारी अजय सिंह द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार किसी भी प्रकार की कालाबाजारी की सूचना इन नंबरों पर दे सकते हैं | इसके साथ उक्त अवसर का लाभ उठाकर साइबर अपराधियों द्वारा आधुनिक तकनीको को अपनाते हुये जीवन रक्षक औषधी, वैक्सीन व ऑक्सीजन एवं अन्य चिकित्सीय संसाधनो की उपलब्धता दर्शाते हुये सोशल मीडिया प्लेटफार्म (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सअप आदि) पर फर्जी विज्ञापन/रजिस्ट्रेशन हेतु लिंक भेजकर आम जनता एवं जरुरतमंदो से साईबर ठगी की जा रही है एसटीएफ कालाबाजारी की सूचना पर तत्काल कार्रवाई करेगी ।