uttarkhand देश-विदेश

माणा घटना के बाद एवलांच जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी के लिए CM धामी ने सिस्टम तैयार करने के दिए निर्देश

देहरादून। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमस्खलन की निगरानी को तंत्र विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में हिमस्खलन की घटनाओं में क्षति के न्यूनीकरण को निगरानी तंत्र विकसित किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने माणा में बचाव एवं राहत कार्य करने वाली सभी टीमों के योगदान की सराहना की। साथ ही अभियान में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताया है।
माणा में हिमस्खलन की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने मोर्चा संभाल लिया था और वह बचाव अभियान की निरंतर मानीटरिंग करते रहे। उन्होंने घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया तो देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से अभियान पर नजर बनाए रहे।
रविवार को भी उन्होंने आपातकालीन परिचालन केंद्र में बचाव अभियान की विस्तृत समीक्षा की। अभियान पूर्ण होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा में प्रभावित 54 श्रमिकों में से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश आठ श्रमिकों की मृत्यु हो गई।
उन्होंने कहा कि सेना, वायु सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन, यूकाडा, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों की टीमों ने अभियान में अदम्य साहस व समर्पण का परिचय दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से प्रभावितों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता दी जाएगी। हादसे में मृत श्रमिकों के शव उनके स्वजन को सौंपने की प्रक्रिया की जा रही है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने माणा में हिमस्खलन की घटना में श्रमवीरों के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने दिवंगतों की आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त स्वजन के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है।
उन्होंने इस हादसे में घायल श्रमिकों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की है। राज्यपाल ने कठिन परिस्थिति में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग, उत्तराखंड पुलिस, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित शासन और प्रशासन की सभी एजेंसियों द्वारा किए गए राहत एवं बचाव कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रतिकूल मौसम और बर्फबारी जैसी परिस्थितियों के बावजूद सभी एजेंसियों ने अत्यंत साहस, धैर्य और तत्परता के साथ सराहनीय कार्य किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *