मेरठ के सरधना क्षेत्र के गांव पिठलोकर में रहने वाले एक दिव्यांग व्यक्ति को ऊर्जा निगम ने 2 लाख 7 हजार रुपये का बिजली बिल भेज दिया है। पीड़ित ने बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम डॉ. वीके सिंह से गुहार लगाई। इस दौरान वह रोते हुए नजर आया। डीएम ने मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सरधना क्षेत्र के गांव पिठलोकर निवासी दिव्यांग के घर का ऊर्जा निगम ने दो लाख सात हजार रुपए का बिल भेज दिया। परेशान दिव्यांग ने बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम डॉ. वीके सिंह से गुहार लगाई। उन्होंने दिव्यांग की परेशानी को देखकर मामले में एसडीओ को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
गांव पिठलोकर निवासी दिव्यांग नासिर अली दोपहर में कलक्ट्रेट में डीएम ऑफिस के बाहर पहुंचा। वहां अपनी समस्या को लेकर काफी देर तक रोता रहा। उसकी परेशानी को देखते हुए कलक्ट्रेट कर्मचारी नासिर को डीएम डॉ. वीके सिंह के पास ले गए।
नासिर ने बताया कि उसके घर का छह साल का बिल ऊर्जा निगम ने दो लाख सात हजार भेजा है। जबकि उसके घर में एक बल्व व एक पंखा चलता है। उसने लखनऊ जाकर भी गुहार लगाई थी। वहां आला अधिकारियों ने कहा कि वहां पर डीएम से जाकर मिले तो उसकी समस्या का समाधान हो जाएगा। लेकिन अभी तक नहीं हुआ है। ऊर्जा निगम ने गत एक जनवरी को बिल का भुगतान न करने पर विद्युत का कनेक्शन काट दिया है। इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डीएम डॉ. वीके सिंह ने दिव्यांग को कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंनें तुरंत ही एसडीओ सरधना को इस मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी व अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर बिजली के निजीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। मांगो को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित छह सूत्रीय ज्ञापन उपखंड अधिकारी, विद्युत उपकेन्द्र ककोड़ को दिया गया।
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि बिजली का निजीकरण रोका जाय, स्मार्ट मीटर लगाने बंद किए जाए। किसानों को नलकूपों के लिये बिना शर्त बिजली दी जाए, नलकूपों पर लगाए गए बिजली मीटर हटाए जाएं, जिन किसानों का एडवांस बिल (बिल माफी योजना के लागू होने की तिथि के बाद में वसूला गया) जमा है उसे वापस किया जाए, पीक आवर्स (बिजली की ज्यादा उपभोग अवधि) के आधार पर बिल वसूली व्यवस्था लागू न की जाये, किसानों को सामान्य योजना में नलकूप कनेक्शन दिये जाएं, पशुपालन के लिए कामर्शियल कनेक्शन की बाध्यता खत्म की जाए व बिजली कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद किया जाए। मौके पर कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।