देहरादून से एक हफ्ते पहले से ही श्रद्धालु रवाना होने शुरू हो गए थे
प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या के पुण्य स्नान को लेकर देहरादून से एक हफ्ते पहले से ही श्रद्धालु रवाना होने शुरू हो गए थे। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 24 जनवरी को यहां से रवाना हुई महाकुंभ विशेष ट्रेन श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हुई थी।
चाचा का मोबाइल फोन बंद दिखा रहा था, जिससे पूरे परिवार की चिंता बढ़ गई। लगातार फोन मिलाते रहे, इस बीच सुबह करीब नौ बजे चाचा का फोन आन हुआ तो बता हुई। चाचा ने बताया कि वह सुरक्षित हैं, भगदड़ के वक्त वह घटनास्थल से करीब दो किमी दूर थे।
पटेलनगर निवासी अक्षय सिंह ने बताया कि उनके बहन-बहनोई आरती व वैभव भी सोमवार को प्रयागराज के लिए निकले थे और मंगलवार की शाम संगम में स्नान के बाद उनसे बात हुई थी। अक्षय ने बताया कि उन्हें जब देर रात को वाट्सएप पर भगदड़ की सूचना मिली तो तुरंत बहन आरती को फोन किया।
जब उनसे बात हो गई कि वह सकुशल हैं तो राहत की सांस ली। हालांकि, अक्षय ने भगदड़ में हताहत श्रद्धालुओं के प्रति शोक व्यक्त भी किया। इसी तरह दर्जनों लोग बुधवार को सुबह से शाम तक स्वजनों से संपर्क साधते रहे और कुशलक्षेम की जानकारी जुटाते रहे।
श्रद्धालुओं के उत्साह में नहीं कोई कमी
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान हुए हादसे के बावजूद दून से जाने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। बुधवार दोपहर में देहरादून से सूबेदारगंज प्रयागराज रवाना होने वाली लिंक एक्सप्रेस यात्रियों की भारी भीड़ हुई रही।
वहीं, सुबह 10 बजे व शाम पांच बजे रवाना हुई उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में भी पर्याप्त यात्री रहे। सुबह 10 बजे गई साधारण बस पैक रही, जबकि शाम पांच बजे रवाना वोल्वो बस में भी 24 यात्री प्रयागराज के लिए रवाना हुए। वोल्वो में 18 यात्रियों के टिकट तो आनलाइन बुक थे।बता दें कि, मंगलवार को वोल्वो बस में सभी सीटें फुल रहीं थी, जिस कारण एक अतिरिक्त वोल्वो काउंटर पर लगानी पड़ी थी।