10 वर्षों से निगम में भाजपा के ही मेयर रहे गजराज
निवर्तमान मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला उनके करीबी माने जाते हैं। अगर जिला स्तर पर भी देखें तो भगत का राजनीतिक लिहाज से बड़ा कद है। पूर्व में वह कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।
भगत चतुर राजनीतिक खिलाड़ी
चुनावी रणनीति की दृष्टि से भी वह चतुर राजनीतिक खिलाड़ी माने जाते हैं। यही कारण है कि कुमाऊं के सबसे प्रमुख शहर हल्द्वानी में मेयर की सीट को लेकर उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा भी दांव पर रहेगी। उनकी राजनीतिक कौशल की भी यह परीक्षा होगी। वहीं कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी ललित जोशी हैं। इस सीट पर देखें या जिला स्तर पर भी विधायक के रूप में सुमित हृदयेश का भी बड़ा राजनीतिक कद है। वह जिले की छह विधानसभा सीटों में एकमात्र कांग्रेस के विधायक हैं।
हल्द्वानी को माना जाता रहा कांग्रेस का गढ़
वैसे भी देखा जाए तो हल्द्वानी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। सुमित की माता स्वर्गीय डा. इंदिरा हृदयेश की शहर में मजबूत स्थिति रही है। राजनीति में भी वह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहीं। इसी वजह से भी सुमित हृदयेश के लिए भी यह सीट राजनीतिक रूप से भी प्रतिष्ठा की रहेगी।
दरअसल, दोनों प्रत्याशी छात्रनेता रहे हैं। पहली बार मुख्य धारा के चुनाव में उनकी भी राजनीतिक कौशल की परीक्षा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस परीक्षा में किसे सफलता मिलती है।