देहरादून। प्रदेश के 100 नगर निकायों के चुनाव के लिए गुरुवार को मतदान संपन्न हो गया। विभिन्न निकायों में मतदाता सूची में नाम गायब होने, मतदान की धीमी गति, बाहरी व्यक्तियों के बूथों पर पहुंचने, एक बूथ पर पत्थर फेंकने को लेकर हुई छिटपुट झड़पों, हंगामे व धक्कामुक्की की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से रात 10 बजे जारी अनंतिम आंकड़े के अनुसार, लगभग 66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो पिछले चुनाव के मुकाबले 3.78 प्रतिशत कम है। रुद्रप्रयाग जिले में सर्वाधिक 71.15 प्रतिशत और देहरादून में सबसे कम 55 प्रतिशत के लगभग मतदान हुआ।
मतदान की कुछ महत्वपूर्ण बातें
- रुद्रप्रयाग जिले में सर्वाधिक 71.15 प्रतिशत और देहरादून में सबसे कम 55 प्रतिशत मतदान
- निकाय प्रमुखों व पार्षद-सभासद के 1382 पदों के लिए मैदान में उतरे 5405 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद
- भगवानपुर के दो बूथों पर शरारती तत्वों ने फेंके पत्थर, पुलिस ने लाठियां फटकार कर खदेड़ा, विधायक ममता राकेश धरने पर बैठीं
- रुड़की के मच्छी मोहल्ला में मतदान की धीमी गति पर हंगामा, पुलिस ने खदेड़ा, पूर्व महापौर ने दिया धरना
- देहरादून के नेहरू कॉलोनी वार्ड के एक बूथ में विधायक के पहुंचने पर भाजपा, कांग्रेस समर्थकों में धक्कामुक्की
- अल्मोड़ा के मल्ला महल में बाहरी लोगों के वोट डालने पहुंचने को लेकर कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच चले लात-घूंसे
- रुद्रपुर के भदईपुरा में मतदान प्रभावित करने की सूचना पर विवाद, कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी पर चली पुलिस की लाठी, भर्ती
- उत्तरकाशी के बड़कोट में निकाय क्षेत्र के बाहर के लोगों के बूथ पर पहुंचने पर हुए हंगामे के बाद पुलिस ने लाठियां फटकारी
मैदान में उतरे 5405 प्रत्याशी
जिलेवार मतदान की स्थिति
जिला | मतदान प्रतिशत |
अल्मोड़ा | 63 |
बागेश्वर | 67.19 |
चमोली | 66.64 |
चंपावत | 64 |
देहरादून | 55 |
हरिद्वार | 65 |
नैनीताल | 69.78 |
पौड़ी | 66.05 |
पिथौरागढ़ | 64.75 |
रुद्रप्रयाग | 71.15 |
टिहरी | 61.8 |
उधम सिंह नगर | 70.06 |
उत्तरकाशी | 61 |
पहले दो घंटों में मतदान की गति धीमी रही
11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद व 46 नगर पंचायतों के चुनाव के लिए गुरुवार सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ। पहले दो घंटों में मतदान की गति धीमी रही और सुबह 10 बजे तक 11.36 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था।
इसके बाद मतदान में तेजी आई और शाम चार बजे तक 56.81 लोग मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे। मतदान को लेकर महिलाओं व युवाओं का उत्साह अधिक दिखा।
शाम पांच बजे के बाद भी देहरादून, उधम सिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी जिलों के विभिन्न मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगी थीं। देर रात तक वहां मतदान संपन्न हुआ।
इससे पहले मतदान के दौरान भगवानपुर के वार्ड संख्या पांच के बीडी इंटर कॉलेज स्थित दो बूथों पर शरारती तत्वों ने पत्थर फेंके। पुलिस ने इन तत्वों को लाठियां फटकार कर खदेड़ा। वहां क्षेत्रीय विधायक ममता राकेश ने इस घटना को लेकर धरना भी दिया।
कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच धक्का मुक्की
नगर निगम रुड़की के मच्छी मोहल्ला में मतदान की धीमी गति के चलते शाम पांच बजे बाद मतदान केंद्र में 500 मीटर लंबी लाइन लग गई। इस कारण बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्र के गेट से बाहर होने के कारण मतदान नहीं कर पाए। इसे लेकर हुए हंगामे के चलते पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
इस पर पूर्व महापौर यशपाल राणा ने अपने समर्थकों के साथ धरना दिया। देहरादून के नेहरू कॉलोनी वार्ड के एक बूथ में विधायक उमेश शर्मा काऊ के पहुंचने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई। इस पर कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच धक्का मुक्की हुई।
देहरादून के ही माजरा बूथ में शाम पांच बजे के बाद कुछ लोगों ने हंगामा किया। उनका कहना था कि उन्हें वोट डालने से रोका गया है। उत्तरकाशी के बड़कोट में निकाय क्षेत्र के बाहर के लोगों के बूथ पर पहुंचने से हंगामा हो गया। नतीजतन पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ीं।
बाजपुर में सेक्टर मजिस्ट्रेट के वाहन में मतपेटियां मिलने को लेकर गुरुवार शाम मुख्य मार्ग स्थित इंटरमीडिएट कॉलेज गेट के सामने हंगामा हो गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच लात-घूंसे
अल्मोड़ा के मल्ला महल में बाहरी लोगों के मतदान को पहुंचने को लेकर कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच लात-घूंसे चले। रुद्रपुर के भदईपुरा में मतदान प्रभावित करने की सूचना पर विवाद इतना बढ़ा कि कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी पुलिस की लाठी लगने से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
देहरादून के वार्ड संख्या 66 में केशरवाला के बूथ में मात्र 10 वोट पड़े, जबकि केशरवाला के निवासियों ने मतदान से दूरी बनाए रखी। वे सड़क का निर्माण न होने से खफा हैं।
चमोली की नगर पंचायत थराली के देवराडा वार्ड में स्थानीय निवासियों ने मतदान नहीं किया। वहां के लोग पूर्व की भांति ग्राम पंचायत में ही रखने की मांग कर रहे हैं। यही नहीं, लगभग सभी निकायों में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में न होने के कारण उन्हें बैरंग लौटने को मजबूर होना पड़ा। इसे लेकर भी नोक-झोंक होती रही।