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सीएम ने दिए निर्देश, कहा- लापरवाही पर अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी, श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन धाम पहुंचे, तो अधिकारी जवाबदेह होंगे

चारधाम यात्रा की सतत निगरानी के लिए अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को शीघ्र कमेटी बनाने के निर्देश दिए। नई दिल्ली प्रवास पर गए मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सदन से वर्चुअल बैठक में अधिकारियों से चारधाम यात्रा का फीडबैक लिया।

सीएम ने अफसरों को आगाह किया कि यात्रा प्रबंधन एवं संचालन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सीधे कार्रवाई होगी। चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा, सभी विभाग आपसी समन्वय से यात्रा के सुगम संचालन के लिए जिम्मेदारियों का पूर्ण निष्ठा से निर्वहन करें।

कहा, किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर शासन के उच्च अधिकारी एवं पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी निरंतर फील्ड में रहें। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बिना रजिस्ट्रेशन धामों में पहुंचे तो अधिकारी होंगे जवाबदेह

कहा, यदि श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन के धामों में पहुंचते हैं तो इसके लिए अब संबंधित अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी। मंदिरों में सभी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए एक समान समय मिले। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन एवं दर्शन व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने ऋषिकेश, हरिद्वार एवं अन्य ठहराव वाले स्थानों से केदारनाथ, बदरीनाथ के लिए जा रही गाड़ियों को अलग-अलग समय में छोड़ने के निर्देश दिए। कहा, जरूरत हो तो बीकेटीसी से समन्वय कर मंदिरों में दर्शन का समय अवधि भी बढ़ाई जाए।

मानसून सीजन को लेकर भी सभी तैयारी कर लें

मुख्यमंत्री ने कहा, चारधाम यात्रा में आगामी मानसून सीजन को लेकर भी सभी तैयारियां समय रहते पूर्ण की जाए। बारिश के वक्त यात्रा में होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए। श्रद्धालुओं के लिए तय किए गए ठहराव वाले स्थान पर नियमित सफाई पेयजल एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ण व्यवस्था की जाए। जरूरत के अनुसार अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जाए। कहा, यात्रा को चलाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।