भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड राज्य के जिला ऊधमसिंह नगर की सितारगंज जेल के अधिकारियों ,कर्मियों द्वारा जेल की सरकारी डेरी से दूध तथा जेल से राशन आदि को जेल से ले जा गड़बड़ी/घोटाला करना ।
सम्पूर्ण वाक्या यह हैं कि उत्तराखंड राज्य के जिला ऊधमसिंह नगर की सितारगंज जेल के अधिकारियों ,कर्मियों द्वारा जेल की सरकारी डेरी से दूध तथा जेल से राशन आदि को जेल से ले जाने की सितारगंज जेल की कुछ फ़ोटो मेरे को कुछ दिन पूर्व डाक से प्राप्त हुई उन फोटो में एक मोटरसाइकिल जिसका नंबर UK06A S7934 हैं तथा मोटरसाइकिल पर पुलिस का निशान भी बना हुआ हैं पर दूध और राशन ले जाते हुए फोटो तथा अन्य फोटो हैं। साथ ही इस अत्यन्त ही गंभीर मामलें में डिप्टी जेलर मोहर सिंह और क्लर्क अनिल बाबू की संलिप्तता बताई गई हैं ओर इनके साथ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, इनके द्वारा गड़बड़ी/घोटाला किया जा रहा हैं।
इस संवाददाता द्वारा इस अत्यन्त ही गम्भीर मामलें में जो स्पष्ट रूप से राज्यहित जनहित से जुड़ा हुआ हैं के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री भारत गृह मंत्री भारत तथा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में शिकायत भेज कर निवेदन किया गया कि उत्तराखंड राज्य के ज़िले उधमसिंहनगर नगर सितारगंज जेल की कुछ फ़ोटो संलग्न कर आप माननीय की सेवा में प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरे को कुछ दिन पूर्व डाक से प्राप्त हुई हैं जिनमें एक मोटरसाइकिल जिसका नंबर UK06A S7934 हैं तथा मोटरसाइकिल पर पुलिस का निशान भी बना हुआ हैं पर दूध और राशन ले जाते हुए फोटो तथा अन्य फोटो हैं तथा इस अत्यन्त ही गंभीर मामलें में डिप्टी जेलर श्री मोहर सिंह और क्लर्क श्री अनिल बाबू की संलिप्तता बताई गई हैं ओर इनके साथ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं तथा मामला अत्यंत ही गंभीर है इस मामले में अगर डिप्टी जेलर मोहर सिंह तथा क्लर्क अनिल बाबू की संलिप्तता है या नहीं तथा समस्त फोटो में कौन कौन व्यक्ति हैं तथा पुलिस के निशान वाली मोटरसाईकिल किसकी हैं तथा किन-किन अधिकारियों कर्मचारियों की इस मामले में संलिप्तता है की राज्यहित, जनहित में उच्च स्तरीय जांच के आदेश कर समस्त मामले की रिपोर्ट तलब कर कार्यवाही करने की कृपा करें ।
मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की सुनवाई तत्काल डबल बैंच में की गई ओर जस्टिस अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य राम सिंह मीणा द्वारा पुलिस महानिरीक्षक जेल उत्तराखंड को कार्यवाही हेतु निर्देश जारी कर मामलें में अपनी आख्या सुनवाई की अगली तिथि से पूर्व आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया ।