कोटद्वार। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के वाहन पर हुए हमले में उत्तराखंड के दो लाल कोटद्वार (पौड़ी) निवासी गौतम कुमार और चमोली निवासी बीरेंद्र सिंह भी देश के लिए बलिदान हो गए। जवानों के बलिदान का समाचार मिलते ही क्षेत्र में मातम पसर गया। बलिदानियों की पार्थिव देह शनिवार को उनके निवास स्थान लाई जाएगी।
गुरुवार दोपहर पुंछ के बफलियाज क्षेत्र में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया था। इसमें गौतम भी बलिदान हो गए। गुरुवार रात सेना ने स्वजन को इसकी सूचना दी, जिसके बाद घर में मातम छा गया। गौतम के बड़े भाई राहुल ने बताया कि गौतम 30 नवंबर को छुट्टी लेकर घर आए थे और 16 दिसंबर को उन्होंने ड्यूटी पर वापसी की थी।
अगले साल होनी थी शादी
अगले वर्ष 11 मार्च को गौतम का विवाह तय था। इन दिनों घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। लेकिन, इससे पूर्व ही नियति के क्रूर हाथों ने उन्हें छीन लिया। गौतम के पिता विजय कुमार का भी दो वर्ष पहले निधन हो चुका है, वह शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। बड़े भाई राहुल के अलावा घर में गौतम की माता और दो बहनें हैं। सभी भाई-बहनों की शादी हो चुकी है।
बीरेंद्र सिंह ने भी दी प्राणों की आहुति
चमोली जिले में नारायणबगड़ विकासखंड के सैनिक बाहुल्य गांव बमियाला निवासी बीरेंद्र सिंह (33) वर्ष 2010 में सेना की 15 गढ़वाल राइफल में बतौर राइफलमैन भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह भी पुंछ में तैनात थे। बमियाला के प्रधान कमलकांत ने बताया कि गुरुवार को सेना ने बीरेंद्र के बलिदान होने की सूचना दी, इसके बाद से बलिदानी की पत्नी, माता-पिता व अन्य स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बीरेंद्र के बड़े भाई धीरेंद्र सिंह आइटीबीपी में तैनात हैं।
पत्नी और बच्चों को छोड़ गए बीरेंद्र
धीरेंद्र ने बताया कि बीरेंद्र ने छह जनवरी को छुट्टी पर घर आने की बात कही थी। बलिदानी अपने पीछे पत्नी शशि देवी और दो बेटियों इशिका (5) व आयशा (3) को छोड़ गए हैं। बीरेंद्र के बलिदान पर विधायक भूपाल राम टम्टा, पूर्व विधायक डा. जीतराम, ब्लाक प्रमुख यशपाल नेगी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोज नेगी, व्यापार संघ के अध्यक्ष जयवीर कंडारी आदि ने शोक व्यक्त किया।