उत्तराखंड राज्य के समस्त समस्त जिलों,मुख्यालय एवम् कार्यालयों द्वारा समय-समय पर प्रैस विज्ञप्तियां ज़ारी की जाती है उन प्रैस विज्ञप्तियों में निरीक्षक/उपनिरीक्षकों एवम् पुलिस कर्मियों के नाम के आगे भी क्या नही लगना चाहिए “श्री”
उत्तराखंड राज्य के समस्त जिलों,मुख्यालय एवम् कार्यालयों द्वारा समय-समय पर प्रैस विज्ञप्तियां ज़ारी की जाती है, उन प्रेस विज्ञप्तियों में वरिष्ठ अधिकारियों के नाम के आगे श्री/माननीय/महोदय आदि अंकित किया जाता है परंतु निरीक्षक से लेकर कॉन्स्टेबल तक के कर्मचारियों के नाम के आगे “श्री” अंकित नहीं किया जाता है, जबकि फील्ड में इन्हीं के द्वारा कार्य किया जाता है और उन्ही कार्यों की प्रैस विज्ञप्तियां ज़ारी की जाती है।
इस मामलें में इस संवाददाता ने मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में व्यापक जनहित में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि फील्ड में भी लगभग कार्य निरीक्षक से लेकर कॉन्स्टेबल तक के कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है और इन्ही के नाम के आगे “श्री” अंकित नही किया जाता। नाम के आगे “श्री” होने की इज्जत पाकर इनके मनोबल में भी कई गुना बढ़ोतरी होगी, पुलिसकर्मी और मै हमेशा आपके आभारी रहेंगे, कृप्या कर तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।
आयोग के सदस्य (आईपीएस) राम सिंह मीना द्वारा हुए इस व्यापक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए तत्काल आदेश जारी किए गए कि-
आदेश:-
पत्रावली का अवलोकन किया गया है।
शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी ने उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जिलों, मुख्यालय एव कार्यालयों द्वारा समय-समय पर प्रैस विज्ञप्तिया जारी होने, उन प्रेस विज्ञप्तियों में निरीक्षक / उपनिरीक्षकको एवं पुलिस कर्मियों के नाम के आगे भी ‘श्री’ लगाने हेतु आवश्यक कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया है।
न्यायहित में शिकायत पत्र की प्रति पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड को नियमानुसार एव विधि अनुसार उचित कार्यवाही करने हेतु प्रेषित की जाती है।