देहरादून के बाजारों में बाल श्रम कराने पर दुकानदारों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही तथा बालकों को दुकानों से मुक्त कराने संबंधी कार्यवाही की सूचना/ख़बर मीडिया के माध्यम से पता लगती रहती हैं, परन्तु मुक्त करवाये गए बालकों के उद्धार उनके खाने उनकी समस्या उनकी मदद तथा उनके उद्धार से संबन्धित कोई भी जानकारी अखबारों/मीडिया आदि में प्रकाशित नहीं होती,यह बहुत ही ज्वलन्त एवं गम्भीर समस्या हैं।
जिन बालकों को मुक्त कराया जाता है उनके बारे में क्या यह पता किया जाता है कि उसका घर परिवार कैसे चल रहा है और उनको मुक्त कराने के बाद उसके खानेपीने रहने आदि की व्यवस्था क्या है क्योंकि कई बेघर बालक भी तो दुकानों में काम करते होंगे तथा कई बालकों में से किसी के पिता नहीं होंगे किसी की माता नही होगी,घर में कोई बहुत बड़ी समस्या होगी शायद वह इसीलिए दुकानों में कार्य करने पर मजबूर हो।
इस संवाददाता ने इस अत्यन्त ही गंभीर मामले में व्यापक जनहित में बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखंड,देहरादून में शिकायत दर्ज करवा निवेदन किया गया कि यह एक बहुत ही गंभीर एवम ज्वलंत समस्या है इसलिए कम से कम पिछले 5 वर्षों में कितने बालकों को बाल श्रम करने से मुक्त कराया गया तथा उन बालकों के उद्धार एवम उनके खानेपीने आदि से समस्याओं के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई तथा मुक्त करवाये गए बालक किस मजबूरी के कारण बालश्रम करने पर मजबूर थे, के संबंध में समस्त जानकारी संबंधित विभाग से तलब कर बालश्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों के संबंध में जनहित न्यायहित में तत्काल कार्यवाही करने की कृपा की कृपा करें।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए श्रमायुक्त उत्तराखंड को नोटिस जारी कर निर्देश जारी किए गए कि प्रकरण पर आपके स्तर से की गई कार्यवाही की विस्तृत आख्या दिनांक 20/7/2023 से पूर्व आयोग में उपलब्ध करवाए।