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देहरादून:व्यस्त बाजारों में नोएंट्री समय में वाहनों के संचालन मामलें में सही और समय पर जवाब न देने पर SSP को सशपथ बयान अंकित किए जाने हेतु नोटिस जारी

भूपेन्द्र लक्ष्मी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को सशपथ बयान अंकित किए जाने हेतु नोटिस जारी,आयोग के आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंप्रांत यथोचित आदेश कर दिए जाएंगे पारित

देहरादून के व्यस्त मुख्य बाजारों विशेषकर पलटन बाज़ार, मच्छी बाज़ार मोती बाज़ार,डिस्पेंसरी रोड आदि में चौपहिया 10 से 12 बड़े ट्रक जो रोज़ाना दूसरे राज्यों से मुर्ग़े आदि लेकर आते हैं तथा छोटे ट्रकों की बाज़ार खुलने के नो एंट्री की समयावधि के बाद भी बेधड़क संचालन इनके कारण बाजारों में जाम तथा भारी अव्यवस्था परंतु इन्हें कोई रोकने वाला नहीं ना ही इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही।

इस अत्यन्त ही जनहित के मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में दर्ज़ करवाई गयी तथा निवेदन किया गया कि देहरादून के व्यस्त मुख्य बाजारों विशेषकर पलटन बाज़ार, मच्छी बाज़ार मोती बाज़ार,डिस्पेंसरी रोड आदि में चौपहिया 10 से 12 बड़े ट्रक जो रोज़ाना दूसरे राज्यों से मुर्ग़े आदि लेकर आते हैं तथा छोटे ट्रकों छोटा हाथी नामक तथा अन्य व्यावसायिक वाहनों का बाज़ार खुलने के बाद भी बेधड़क लगभग दिनभर संचालन किया जा रहा हैं। इन वाहनों के कारण जबरदस्त जाम लगने के कारण दिन में बाजारों में भारी अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती हैं परन्तु बाजार खुलने के बाद भी नो एंट्री की समयावधि बाद भी इन्हें कोई रोकने वाला नहीं हैं ना ही इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाती हैं शायद इसलिये कि जिन दुकानदारों के यहां ये ट्रक वाले मुर्गे आदि लेकर आते और अन्य दुकानदार जिनके यहां माल आता हैं उनकी ऊंची पहुंच के कारण इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की जाती। इसलिये बाजारों के खुलने के बाद नो एंट्री की समयावधि बाद भी व्यस्त मुख्य बाजारों विशेषकर पलटन बाज़ार, मच्छी बाज़ार मोती बाज़ार,डिस्पेंसरी रोड आदि में चौपहिया बड़े ट्रक जो दूसरे राज्यों से मुर्ग़े आदि लेकर आते हैं तथा छोटे ट्रकों छोटा हाथी नामक तथा अन्य व्यावसायिक वाहनों की बाजारों के खुलने के बाद उनके संचालन पर व्यापक जनहित में रोक लगाने की कृपा करें तथा इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के आदेश पारित करने की कृपा करें।

मानवाधिकार आयोग द्वारा मामलें की गंभीरता देख शिकायत की तत्काल सुनवाई करते हुए आयोग द्वारा एसएसपी देहरादून को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई थी।
परन्तु आयोग के आदेशों का उल्लंघन करते हुए सुनवाई की नियत तिथि पर इस मामलें पर आयोग के नोटिस का कोई जवाब नही दिया गया और जवाब न देने पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए एसएसपी देहरादून को चेतावनी जारी की गई कि आयोग के आदेश की अपेक्षा अनुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंप्रांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।

#दिनांक 20-9-2022 को सुनवाई की नियत तिथि पर एसएसपी द्वारा आयोग में प्रस्तुत की गई आख्या तथा आख्या के विरुद्ध शिकायतकर्ता का प्रतिउत्तर# :-

1- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा आयोग में क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम जनपद देहरादून की शिकायत के संबंध में जो आख्या भेजी गई है उसमें क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम जनपद देहरादून ने अंकित किया है कि उपरोक्त प्रकरण के संबंध में थाना प्रभारी कोतवाली को जांच/ आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया था। थाना प्रभारी कोतवाली द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट से अवगत कराया गया कि पलटन बाजार, मोती बाजार, डिस्पेंसरी रोड आदि मुख्य स्थानों पर बाजार खुलने पर बाजारों में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है तथा यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर तथा मुख्य सड़क पर यातायात बाधित होने पर वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्रवाई की जा रही है तथा यातायात व्यवस्था हेतु तहसील बैरियर/ घंटाघर बैरियर पर ड्यूटी लगाई जाती है। वर्तमान में पलटन बाजार/डिस्पेंसरी रोड पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है। थाना प्रभारी कोतवाली की जांच आख्या संलग्न प्रेषित है।

शिकायतकर्ता का उपरोक्त आख्या के विरूद्ध प्रतिउत्तर:-

क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम की जनपद देहरादून की आयोग में भेजी गई आख्या बिल्कुल गलत हैं क्योकि आज वर्तमान तक भी जिन बाजारों से संबंधित शिकायत हैं, उन बाजारो में लगातार बड़े चार पंहिया वाहन दिनभर बेधड़क घूमते रहते हैं कोई भी रोकने वाला नही विशेषकर दूसरे राज्यों से मुर्गे लेकर आने वाले बड़े ट्रकों को भी बाजारों में नो एंट्री के वक्त भी कोई रोकने वाला नही हैं।

2- क्षेत्राधिकारी द्वारा अपनी आंख्या में अंकित किया गया है कि बाजार खुलने पर बाजार में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है इसलिये बैरियरों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है।
#शिकायतकर्ता का उपरोक्त आख्या के विरूद्ध प्रतिउत्तर#:-

आख्या के अनुसार अगर बैरियरों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी है तो बाजार खुलने के बाद भी बड़े वाहन बाजारों में कैसे घूम रहे हैं,तो इसका मतलब यह स्पष्ट हैं कि पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से बड़े वाहन बाजार खुलने के बाद बाजारो में प्रवेश कर रहे हैं।

3- क्षेत्राधिकारी द्वारा अपनी आंख्या में अंकित किया गया है कि यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर तथा मुख्य सड़क पर यातायात बाधित होने पर वाहनों के विरूध्द चालानी कार्यवाही की जा रही है।
#शिकायतकर्ता का उपरोक्त आख्या के विरूद्ध प्रतिउत्तर#:-

आख्या के अनुसार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालानी कार्रवाई की जा रही है तो प्रार्थी की शिकायत के बाद से आज तक जिन बाजारों में नोएंट्री के बाद संचालित होने की शिकायत की गई हैं उन बाजारों में बड़े वाहनों चार पहिया वाहनों के जितने भी चालान किए गए उनकी रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें क्योंकि अब भी नोएंट्री के बाद भी संबंधित बाजारों में बड़े वाहन बेधड़क संचालित हो रहे हैं।

शिकायतकर्ता ने पुलिस की आख्याओ के विरूद्ध आयोग में अपना जवाब दाखिल किया गया कि क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम जनपद देहरादून ने अपनी आख्या में अंकित किया था कि थाना प्रभारी कोतवाली की जांच आख्या संलग्न कर प्रेषित है परंतु थाना प्रभारी कोतवाली की जांच आख्या भेजे गए जवाब में संलग्न नहीं थी तथा आयोग द्वारा प्रार्थी की आपत्तियों के संबंध में विभाग को जवाब दाखिल करने हेतु निर्देशित किया गया था परन्तु फिर भी थाना प्रभारी कोतवाली की आख्या जवाब के साथ संलग्न कर नहीं भेजी गई हैं ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा श्रीमान क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम जनपद देहरादून की जो आख्या आयोग में प्रस्तुत की गई है वह सही नहीं है, इसलिए व्यापक जनहित में कड़ी कार्यवाही करते हुए शिकायत से संबंधित बाजारों में बड़े चार पहिया वाहनों के जितने भी चालान किए गए उनसे संबंधित रिपोर्ट तथा थाना प्रभारी कोतवाली की जांच आख्या तलब करने की कृपा करें साथ ही संबंधित बाजारों में बड़े चार पहिया वाहनों की बाजार खुलने के बाद उनकी नो एंट्री के संबंध में कड़े आदेश जारी करने की कृपा करें।
आयोग द्वारा शिकायतकर्ता के पुलिस की आख्या के विरूद्ध दाखिल प्रतिउत्तर पर गंभीर रुख अपनाते हुए आदेश जारी किए गए कि शिकायतकर्ता द्वारा अपना जवाब दिनांक 19.09.2022 दाखिल किया गया है जिस की प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को भेज दी जाए कि वह प्रतिउत्तर पर दिए गये कथनों पर अपनी आख्या चार सप्ताह के अन्दर आयोग के समक्ष दाखिल करें पत्रावली दिनांक 15.12.2022 को पेश की जाए।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा सुनवाई की नियत तिथि 15.12.2022 को अपना जवाब आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जिसके बाद आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश जारी किए कि-
आदेश-
शिकायतकर्ता के प्रतिउत्तर के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की ओर से अभी तक आख्या प्रस्तुत नहीं की गई है। पुन: नोटिस जारी हो कि वह आगामी दिनांक तक अपनी आंख्या आयोग के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करेंगे।
आख्या प्रस्तुत न करने की स्थिति में वे किसी वरिष्ठ भिज्ञ अधिकारी को समस्त प्रपत्रों के साथ प्रत्येक दशा में आगामी दिनांक को आयोग के समक्ष उपस्थित होने हेतु निर्देशित करें, जिससे उनका शपथ बयान अंकित किया जा सके।
साथ ही आयोग के अनुसचिव द्वारा जारी नोटिस में कहा गया हैं, कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंप्रांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।