जमरानी बांध परियोजना का निर्माण होने पर इससे हल्द्वानी शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए 117 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) पेयजल की उपलब्धता हो होगी। साथ ही 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। सौंग बांध परियोजना से देहरादून शहर और उपनगरीय क्षेत्रों के लिए वर्ष 2053 तक की अनुमानित आबादी के लिए ग्रेविटी से 150 एमएलडी पेयजल की उपलब्धता होगी।
दोनों परियोजनाओं के आकार लेने पर इन क्षेत्रों में भूजल के बेतहाशा उपयोग पर भी अंकुश लग सकेगा। मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में इन दोनों परियोजनाओं समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जमरानी और सौंग बांध परियोजनाएं तय समय पर आकार लें, इसके लिए कार्य तेजी से किए जाएं।
जलस्रोतों के संरक्षण को वृहद स्तर पर हो काम
भूजल रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने भूजल के रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। साथ ही शहरी क्षेत्रों में सिंचाई, लघु सिंचाई व नगर निकायों को वर्षा जल संचय के लिए मिलकर कार्य करने को कहा। उन्होंने वर्षाकाल में विभिन्न शहरों के ड्रेनेज प्लान के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के लिए नवाचार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
सिंचाई नहरों का मिले अधिकतम लाभ
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि सिंचाई नहरों का अधिकतम लाभ लोगों को मिले। उन्होंने सिंचाई विभाग और खनन विभाग को नदियों व जलाशयों में जमा गाद की निकासी के लिए बैठक कर इसका उचित समाधान निकालने को निर्देशित किया।
61 सड़कों पर चल रहा काम
बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत राज्य में 61 सड़कों पर काम चल रहा है। बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।