भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
कोरोना संक्रमण चरम पर परन्तु लॉकडाउन में भी उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज परिवार के सदस्यों और भक्तों के साथ घूमते रहे पहाड़ और घर में क्वारंटीन होने के बावजूद भी गए कैबिनेट बैठक में साथ ही लॉकडाउन में किए गए कालीमठ के दर्शन पहाड़ो पर पोखरा में भी घूमते रहे पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही अथवा पुलिस प्रशासन पर रोब डालकर जबरदस्ती घूमते रहे ।
काबीना सतपाल महाराज ने बगैर पास के ही अपने भक्तों और परिजनों को पहाड़ की सैर करवा दी। मामला यहीं तक नहीं हैं, सैर करने वालों में मंत्री जी समेत अधिकांश कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। खुद मंत्री तो कैबिनेट की बैठक में शामिल होकर अफसरों और मंत्रियों को इस संकट में डाल चुके हैं।
काबीना मंत्री और उनके परिजनों के साथ ही कई अन्य कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली से मंत्री की पत्नी और पूर्व मंत्री अमृता रावत और परिजन समेत तमाम भक्त कैसे उत्तराखंड में घुस गए। इतना ही नहीं बताया तो यहां तक जा रहा है कि इन लोगों ने रुदप्रयाग जिले में कालीमठ के दर्शन किए और वहां से पोखरी भी गए। बाद में देहरादून आए और जांच हुई तो कई कोरोना संक्रमित मिले। महाराज के घर में ही इन सभी को 25 मई को क्वारंटीन कर दिया गया। इसके बाद मंत्री जी 29 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में भी शामिल हुए। अब मंत्री खुद भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
ऐसे में प्रशासन और खुद मंत्री जी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं । पहली बात यह है कि दिल्ली से आए लोग कालीमठ तक कैसे पहुंचे। क्या किसी ने इन्हें रास्ते में रोका क्यों नहीं। उससे भी बड़ा सवाल यह है कि अगर काबीना मंत्री खुद ही कानून और नियमों का पालन नहीं करेगा तो किसी और से क्या उम्मीद की जा सकती है, मंत्री के भी कोरोना संक्रमित होने के बाद कैबिनेट में शामिल मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों समेत तमाम अधिकारियों पर भी क्वारंटीन होने की नौबत आ गई ।
इस संवाददाता द्वारा इस अत्यंत गम्भीर मामलें पर मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में याचिका दायर की गयी कि मामला बहुत ही गम्भीर हैं पुलिस प्रशासन सुरक्षा कर्मियों की भूमिका भी बहुत संदिग्ध है क्योंकि दिल्ली से आए लोग कालीमठ तक कैसे पहुंचे। क्या किसी ने इन्हें रास्ते में रोका क्यों नहीं या जबरदस्ती अपने रोब और दबदबे से सब खुलेआम घूमते रहे साथ ही क्वॉरेंटाइन होने के बावजूद मंत्री जी को सुरक्षाकर्मियों ने क्यों नहीं रोका कैबिनेट बैठक में जाने से इसलिए समस्त मामले में नोटिस जारी कर इस मामले की रिपोर्ट तलब कर जनहित न्यायहित में कार्यवाही करने की कृपा करें।
मानवाधिकार आयोग द्वारा मामलें की गंभीरता देखते हुए सचिव स्वास्थ्य उत्तराखंड और जिलाधिकारी देहरादून को नोटिस जारी समस्त प्रकरण पर जवाब मांगा हैं ।
साथ ही आयोग के आदेशो के अनुपालन में सुनवाई की अगली नियत तिथि तक आख्या न देने पर पर आयोग के आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे ।