प्रदेश में सड़क हादसे रोकने के लिए पर्वतीय मार्गों पर सड़क किनारे पाैधराेपण किया जाएगा। नई सड़क सुरक्षा नीति में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। स्कूलों में बच्चों को कक्षा एक से सड़क सुरक्षा पढ़ाई जाएगी। कॉलेज से लेकर आमजन तक जागरूकता के कार्यक्रमों पर भी जोर दिया गया है।
शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा विभाग : प्रारंभिक कक्षाओं से ही सड़क सुरक्षा की शिक्षा, पाठ्यक्रम अपडेशन, शिक्षक, अभिभावकों, स्कूल बस, स्कूल वैन संचालकों, शिक्षा विभाग के अफसरों को जागरूक करना। एनएसएस, स्काउट गाइड व एनसीसी कैडेट्स को सड़क सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा विभाग सभी छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों को सड़क सुरक्षा जागृति कार्यक्रमों से जोड़ना।
स्वास्थ्य विभाग: चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों को दुर्घटनाओं के उपचार के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित करना, गोल्डन आवर का महत्व समझाना, एयर एंबुलेंस सेवा तंत्र को शामिल करते हुए आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करना, नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे के साथ लगने वाले अस्पताल व ट्रामा केंद्रों को संपन्न करना, प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी परिवहन व पुलिस के सहयोग से फर्स्ट रिस्पांडर तक पहुंचाना, केंद्र की योजना के तहत दुर्घटना के घायलों को निशुल्क कैशलेस उपचार देना।
आपदा प्रबंधन विभाग: दुर्घटना की तत्काल सूचना पुलिस व चिकित्सा विभाग को देना। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ या एसडीआरएफ को सक्रिय करना।
पुलिस : यातायात नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए कठोर कार्रवाई व फेसलैस चालान करना। दुर्घटनाओं के कारण व विश्लेषण के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस को मजबूत करना। प्रशिक्षण देना। ट्रैफिक स्वयंसेवक, जूनियर ट्रैफिक फोर्स, ट्रैफिक वार्डन व एनसीसी कैडेट्स को प्रशिक्षित करना। विभिन्न अकादमिक व अनुसंधान संस्थाओं में यातायात सुरक्षा पर सम्मेलन आयोजित करना। सामुदायिक भागीदारी विकसित करने के लिए सड़क सुरक्षा आउटरीच कार्यक्रम चलाना। जागरूकता कार्यक्रम करना।
आवास, शहरी विकास एवं स्थानीय निकाय : सड़क किनारे का अतिक्रमण हटाना। ऐसे होर्डिंग व वस्तुएं हटाना जो वाहन संचालन के समय चालक की एकाग्रता को भंग करते हों। पैदल यात्रियों के सुगम संचरण के लिए फुटपाथ का अतिक्रमण हटाना। नगरीय क्षेत्रों में पार्किंग बनाना। आवारा पशुओं से दुर्घटना रोकने के लिए पशुशालाएं बनाना। उचित स्थानों पर सड़क संकेत चिन्ह्, रोड मार्किंग, स्ट्रीट लाइट लगाना।
वन विभाग : वन्य जीवनों व सड़क यातायात प्रवाह के संघर्ष को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना। वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों में वाहनों की गति पर नियंत्रण के उपाय करना। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सूचना संकेतक लगाना। पर्वतीय मार्गों पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़क किनारे वृक्षारोपण करना।
अन्य विभागों की जिम्मेदारी : आबकारी विभाग शराब पीकर वाहन संचालन को हतोत्साहित करेगा। जिला प्रशासन हिट एंड रन मामले के तहत प्रभावितों को समयबद्ध आर्थिक सहायता देने के साथ ही जिला सड़क सुरक्षा समितियों के माध्यम से सड़क सुरक्षा उपाय करेगा। ऊर्जा विभाग सड़क किनारे स्थित बिजली के खंभों, ट्रांसफार्मर को इस प्रकार व्यवस्थित करेगा ताकि दुर्घटना न हो। पर्यटन विभाग पर्यटकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करेगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग रात्रि में आवश्यक वस्तुओं के वाहनों के परिवहन को लेकर पुलिस व जिला प्रशासन से समन्वय बनाएगा।