एक्सक्लूसिव

उत्तराखंड एसटीएफ ने देर रात तक चले आपरेशन में अन्तरराष्ट्रीय साइबर फ्राॅड का किया बड़ा खुलासा।

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स
देर रात तक चले आपरेशन में अन्तरराष्ट्रीय साइबर फ्राॅड का किया बड़ा खुलासा।
★ आन लाइन फर्जी एण्टीवायरस बेचने के नाम पर करते थे साईबर फ्राॅड 02 अभियुक्त गिरप्तार ।
★ अन्र्तराष्ट्रीय साईबर अपराधियों का एक और नेटवर्क ध्वस्त ।
★ 08 लैपटाॅप, इलैक्ट्राॅनिक गैजेट्स, हाईटेक टूल्स साॅफ्टवेयर का होता था इस्तेमाल, गूगल कम्पनी की सिक्योरिटी को भी बायपास करने के लिये होता था डार्क वेब से खरीदे गये साफ्टवेयर का प्रयोग।
★ उत्तराखण्ड एसटीएफ ने अब तक इस वर्ष 6 काॅल सेन्टरों के खिलाफ की जा चुकी है कार्यवाही ।
★ ऐसे अपराधियों के विरूद्ध एसटीएफ की एक स्पेशल टीम कर रही है लगातार छापामारी ।

स्पेशल टाॅस्क फोर्स उत्तराखण्ड पिछले कई दिनों से साफट्वेयर और इलैक्ट्राॅनिक टॅूल्स के प्रयोग को ट्रैक कर रही थी जिस कड़ी में दिनाॅक 23.07.2021 कोे देर रात से थाना पटेलनगर क्षेत्र मेें चले एक आॅपरेशन में एसटीएफ की एक टीम द्वारा प्रीति एन्कलेव, शिमला बाईपास में स्थित आईएचएम बिल्डिंग के प्रथम तल में संचालित काॅल सेन्टर पर छापा मारकर कार्यवाही की गयी है। जो कि देशी-विदेशी नागरिको से मेल व अन्य साॅफटवेयर के माध्यम से एप्पल के आई-टयून, एन्टीवायरस ( नारटॅोन, मै-कैफे, आदि) की सर्विस देने के नाम पर फर्जी टोलफ्री नम्बर देकर धोखाधड़ी करते पाये गये हैं। इस कार्यवाही में 02 अभियुक्तों की गिरप्तारी हुयी है। इस काॅल सेन्टर का मुख्य संचालक (मास्टर माईन्ड) आसाम राज्य का रहने वाला थाॅनरिपाउॅ रांगमेयी उर्फ विक्टर उर्फ जाॅर मिलर है। एसटीएफ टीम द्वारा इस काॅल सेन्टर से अभियुक्तों द्वारा प्रयोग किये जा रहे कुल आठ (08) लैपटाप, 04 चार्जर, 02 वाई-फाई राउटर , 01 हेड फोन एव 01 डायरी, 01 मोबाईल फोनं बरामद किया गया है।
गिरप्तार किये गये अभियुक्तों का नाम पता:-
1. Thuanriapou rongmei s/o thiukheii rongmei r/o town lakhicheuca fb part 2, p.s jirighat sub division lakhipur , dist. Cachor, assam
2. प्रदीप नेहवाल पुत्र गब्बरू लाल, नि0 गणेशपुर, गाॅव शिमला बाईपास रोड, देहरादून

अपराध करने का तरीका:- काॅल सेन्टर के मुख्य अपराधी थाॅनरिपाउॅ रांगमेयी उर्फ विक्टर उर्फ जाॅर मिलर ने पूछताछ में बताया कि वो मूलतः आसाम का रहने वाला है तथा वर्ष 2015 में देहरादून आ गया था उसके द्वारा सबसे पहले दून विजनेस पार्क के एक काॅल सेन्टर में काम किया जहां पर एक साफटवेयर बारे में जानकारी मिली जिससे किसी अन्य के डिवाईस की स्क्रीन शेयर करके उस डिवाईस पर आयी तकनीकी खराबी को ठीक किया जाता था उसके बाद वर्ष 2018 में यह काॅल सेन्टर बन्द हो गया तो विक्टर द्वारा स्वयं का काम जाखन में शुरू कर दिया वहां पर Tech Trust IT service नाम से कम्पनी खोली, जो कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं थी, तत्समय इस रजिस्टर्ड कम्पनी द्वारा विदेशी नागरिकों से उनकी परिवार की जानकारी प्राप्त कर एक साफटवेयर में अपलोड करने व उसको अपडेट करने का काम किया गया, इस कार्य में उनके द्वारा टोलफ्री नम्बर का इस्तेमाल कर अपने आप को सम्बन्धित देश का नागरिक के साथ साथ सम्बन्धित साॅफटवेयर का कस्टमर केयर आपरेटर बताकर ठगी कर काफी धनराशि इकठ्ठा कर ली। उस काम के दौरान विक्टर को विदेशी नागरिकों का डाटा वेन्डरों से प्राप्त होता था जिसका उनको विक्टर द्वारा 180 रूपये पर कस्टमर कमीशन दिया जाता था, इसके पश्चात विक्टर द्वारा देहरादून में ही राजपुर रोड स्थित नीलकण्ठ प्लाजा, नेहरूकालोनी में ई-ब्लाॅक में काफी समय काॅल सेन्टर संचालित किया गया। विक्टर द्वारा बताया गया कि वेन्डरों से विदशी नागरिकों की जानकारी करने में जहां एक ओर काफी टाईम लगता है वहीं दूसरी ओर वेन्डरों को अच्छा कमीशन भी दिया जाता है जिससे काफी नुकसान होता है जिसके लिये विक्टर द्वारा इस कार्य के लिय खुद ही डार्क वेब से विभिन्न साफ्टवेयरों की जानकारी करनी शुरू कर दी और खुद एक वेन्डर बन गया और अन्य को यह जानकारी देकर कमीशन लेने लगा इसके लिये विक्टर द्वारा गूगल से देशी-विदेशी नागरिकों की ई-मेल आईडी प्राप्त कर उन्हे एक मेल करने वाले साफ्टवेयर के माध्यम से कैम्पेन चलाकर बड़ी संख्या में सम्बन्धितों को मेल किया जाता एवं उसमें कन्टेन्ट दिया जाता कि उनके द्वारा एप्पल आई-ट्यून, एन्टीवायरस, नोरटन, मै-कैफे और अलग नाम से सर्विस देने का काम किया जाता है जिसमें कस्टमर केयर का नम्बर रहता है जिसमें सम्बन्धित कस्टमर को बात करने की लिये कहा जाता है। गूगल में एक मैक आईडी या एक मेल आईडी से काफी संख्या मे जब मेल होती है तो गूगल उस आईडी को ब्लैक लिस्ट में डाल देता है और निगरानी रखता है इसके लिये विक्टर द्वारा एक अन्य साॅफटवेयर खरीदा गया जो कि उस कम्प्यूटर की मैक आईडी को चेंज कर देता है, जिससे विक्टर अपने कम्पयूटर की मेक आइडी हर घन्टे में चेंज कर देता था इसके अलावा विक्टर एक अन्य साॅफटवेयर का भी प्रयोग करता है जिससे उसकी आईपी चेन्ज हो जाती है। इस साफटवेयर के माध्यम से विक्टर भारत से ही अन्य देशों की आईपी का प्रयोग करता था। एसटीएफ ने पाया कि विक्टर अपने कम्पयूटर में विदेशी नागरिकों से बात करने के लिये टोलफ्री नम्बर का प्रयोग करता था, जो उसके द्वारा हर माह में बदल दिया जाता था। विक्टर के कम्पयूटर पर देशी विदेशी नागरिकों से काॅल प्राप्त करने का और बात करने का अलग अलग साफटवेयरों का प्रयोग किया जाता है। विक्टर द्वारा विदेशी नागरिकों से कार्य के बदले 200 से 400 डालर के रूप्ये गुगल गिफ्ट कार्ड लिया जाता था तथा अपने वेन्डरों के माध्यम से उन्हें भारतीय रूप्ये में परिवर्तित किया जाता है। विक्टर के खातों के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो विगत छः माह में एसबीआई में 20 लाख रूप्ये, एक्सिस बैंक में 28 लाख रूप्ये तथा आईसीआईसी बैंक में 30 लाख रूप्ये करीब विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होना प्रकाश में आया है। विक्टर द्वारा यह भी बताया गया कि धोखाधड़ी के इस काम में असली नाम का प्रयोग नहीं किया जाता है जिस कारण से थाॅनरिपाउॅ रांगमेयी ने साईबर वल्र्ड में अपना नाम विक्टर और जाॅन मिलर रखा गया था और इन्हीं नामों से यह कार्य करता था। विक्टर द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि से 04 लक्जरी कारों को खरीदा गया है तथा वर्तमान में 20 हजार रूपये मासिक के फ्लैट में रहता था और 25 हजार रूपये मासिक किराये में एक फलोर काॅल सेन्टर के लिये क्रय किया था।
ज्ञात होकि विगत 06 माह में एसटीएफ टीम द्वारा 05 काॅल सेन्टरों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये 16 साईबर अपराधियों की गिरप्तारी की गयी जिनसे 51 लैपटाॅप और अन्य इलैक्ट्राॅनिक गैजेट्स के साथ साथ अपराधियों के करोंड़ो रूपये को फ्रीज किया गया है। इन पाॅचो काॅल सेन्टरो में देखने वाली बात यह आई कि सभी अपराधियों द्वारा धोखाधडी करने के लियेे अलग-अलग तरीके प्रयोग किये गये है इस काॅल सेन्टर में चैकाने वाली बात यह आई कि देशी एवं विदेशी नागरिकों की ईमेल आई0डी0 गूगल एक्सट्रेक्ट से प्राप्त किये गये है जो कि एक नये तरह का ट्रेण्ड देखने को मिला है।
अभियुक्त विक्टर से बरामद वाहन:-
01. बीएमडब्लू 02. लैण्ड क्रूजर पराडो 03. टोयटा इनोवा 04. टोयटा कोरोला एएलटीस चारों कीमती करीब 80 लाख रूप्ये।
पुलिस टीम का नाम –
1. पुलिस उपाधीक्षक जवाहर लाल
2. उप निरीक्षक विपिन बहुगुणा
3. उ0नि0 नरोत्तम बिष्ट,
4. हे0का0 प्रो0 देवेन्द्र भारती,
5. का0 देेवेन्द्र ममगॅई,
6. का0 प्रमोद
7. का0दीपक चन्दोला,
8. का0 सन्देष यादव
9. का0 कादर खान,
10. का0 सुधीर केसला
11. का0 चालक दीपक तवॅर