भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड रोड़वेज बसों में बढ़ता भ्रष्टाचार बिना टिकट यात्रियों को कराया जा रहा सरकारी बसों में सफ़र भ्रष्टाचारियों द्वारा सरकार को नुकसान पहुंचाने के साथ जनता से भी किया जा रहा खिलवाड़ क्योंकि बस अगर दुर्घटना होती हैं तो बेटिकट घायलों को एवं मृत यात्रियों के परिजनों को मुआवज़ा मिलना भी मुश्किल।
समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि उत्तराखंड राज्य की रोडवेज बसों में भ्रष्टाचार के मामले कम नहीं हो रहे हैं पिछले एक माह का ही ले लो तो बेटिकट मामलों में जिस तरह इजाफा हुआ है। उससे यह साफ होता है कि रोडवेज यूं ही करोड़ों के घाटे में नहीं जा रहा ताजा मामले में रविवार को चेकिंग टीम ने ऋषिकेश डिपो की अमृतसर जा रही बस को पकड़ा तो उसमें 5 यात्री बिना टिकट मिले परिचालक ने टिकट मशीन खराब होने का झांसा देकर यात्रियों को टिकट नहीं दिए जबकि उन से किराया पूरा लिया हुआ था और कल ही दिनांक 22-7-2021 गुरुवार को एक साथ तीन बसें चेकिंग में बिना टिकट पकड़ी गई इनमें एक बस में तो परिचालक शराब के नशे में धुत भी था। पिछले माह से अब तक काफ़ी बसें बेटिकट पकड़ी जा चुकी हैं।यह तो सिर्फ पिछले लगभग एक माह से अब तक का मामला है और पिछले मानलो 5 वर्षों का ही जोड़ा जाए तो रोडवेज को बिना टिकट यात्रा कराने वाले भ्रष्टाचारी बस के ड्राइवर कंडक्टर करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा चुके होंगे। यह स्पष्ट रूप से सरकारी धन के गबन का मामला है।
ऐसा भी प्रतीत होता हैं कि परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती होगी क्योंकि यही सुनने में आता है उसे इतने दिन के लिए सेवा से हटा दिया निलंबित कर दिया आदि-आदि जबकि सरकारी बसों में उसके ड्राइवर कंडक्टर द्वारा बेटिकट यात्रियों को सफर कराना स्पष्ट रूप से सरकारी धन के गबन का है।
साथ ही सरकारी रोडवेज की बस अगर दुर्घटना होती हैं तो बस में यात्रा करने वाले बेटिकट घायलों को एवं मृत यात्रियों के परिजनों को मुआवज़ा मिलना भी मुश्किल हैं क्योंकि जब कंडक्टर ने टिकट ही नहीं दिया तो क्या प्रमाण है कि घायल या मरने वाला व्यक्ति बस में यात्रा कर रहा था।
इस संवाददाता द्वारा इस अत्यन्त ही राज्यहित जनहित के मामलें में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि उपरोक्त प्रकरण बहुत ही गंभीर है सरकारी रोडवेज बसों में यात्रियों को बेटिकट यात्रा करवा खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है और अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जाती है जबकि सरकारी बस में बिना टिकट यात्री मिलने पर मामला स्पष्ट रूप से सरकारी धन के गबन का हो जाता है इसलिए उत्तराखंड राज्य के सबसे वरिष्ठ परिवहन अधिकारी को कार्यवाही हेतु आदेशित कर रिपोर्ट मंगवाई जाए कि पिछले 5 वर्षों के दौरान रोडवेज की कितनी बसें बेटिकट पकड़ी गई कितनों पर कार्यवाही हुई और क्या क्या कार्यवाही हुई और सरकारी धन की चोरी करने पर कितनों के विरुद्ध गबन का मुकदमा लिखवाया गया। साथ ही बेटिकट यात्री वाली पकड़ी गई बसों के कंडक्टर ड्राइवर से कितने धन की वसूली की गई क्योंकि भ्रष्टाचार करके राज्य सरकार को करोड़ों अरबों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है।
इस संवाददाता द्वारा दायर की गई शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा शिकायत पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए महाप्रबंधक उत्तराखंड परिवहन निगम देहरादून को कार्यवाही हेतु निर्देशित कर संपूर्ण मामलें की रिपोर्ट 4 सप्ताह में पेश करने हेतु आदेशित किया गया।