भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड हाइकोर्ट द्वारा चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर आज मंगलवार को सुनवाई की गयी। हाइकोर्ट ने चारों धाम में प्रतिबंध के साथ यात्रियों की निर्धारित से संख्या से अधिक श्रद्धालुओं के जाने पर लगी रोक को हटा दिया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब श्रद्धालु बेरोकटोक चारधाम यात्रा के लिए जा सकेंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया हैं कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के इस आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।
आज मंगलवार को मुख्य न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।
महाअधिवक्ता द्वारा कोर्ट के सम्मुख यह भी कहा कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है, इसलिए जितने भी श्रद्धालु आ रहे हैं, सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, वह भी नहीं आ पा रहे हैं, जिस कारण स्थानीय लोगों पर रोजी रोटी का खतरा उत्तपन्न हो रहा है, सरकार को हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों का पालन कराने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा । चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया हैं । सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटाई जाय या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाय। जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया।