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उत्तराखंड सरकार ने होमगार्ड भर्ती में उत्तर प्रदेश के समय से चले आ रहे मानकों में किया बदलाव

देहरादून:  उत्तराखंड सरकार ने होमगार्ड भर्ती में उत्तर प्रदेश के समय से चले आ रहे मानकों में बदलाव किया है। अब प्रदेश में होमगार्ड बनने के लिए 10वीं पास होना अनिवार्य कर दिया गया है।

बीती चार मई को जारी किया शासनादेश

भर्ती मानकों में बदलाव का शासनादेश शासन ने बीती चार मई को जारी किया। इसके तहत अब 10वीं उत्तीर्ण महिला-पुरुष ही होमगार्ड भर्ती में शामिल हो सकेंगे। जबकि, पूर्व में पर्वतीय जिलों के लिए शैक्षिक योग्यता पांचवीं पास और मैदानी जिलों के लिए आठवीं पास थी।

पुरुष अभ्यर्थियों को लंबाई में छूट देते हुए इसका मानक नागरिक पुलिस के समान कर दिया गया है। इस क्रम में सामान्य व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए लंबाई का मानक 167.7 सेमी से घटाकर 165 सेमी किया गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति-जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए लंबाई का मानक 162 की जगह 157.5 सेमी और पर्वतीय क्षेत्र के अभ्यर्थियों के लिए 162.7 की जगह 160 सेमी किया गया है।

इ सलिए बदली शैक्षिक योग्यता होमगार्ड जवानों को अब नागरिक पुलिस की तरह वेतन व अन्य सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। उनकी सेवा सड़कों के साथ कार्यालयों में भी ली जाने लगी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए होमगार्ड विभाग ने शासन को शैक्षिक योग्यता में बदलाव करने के लिए पत्र भेजा था।

जुलाई तक हो जाएगी 330 महिला होमगार्ड की भर्ती

वर्तमान में होमगार्ड विभाग में 215 महिला होमगार्ड तैनात हैं, जो देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जिले में सेवा दे रही हैं। इस वर्ष प्रदेश के अन्य 10 जिलों में भी 330 पदों पर महिला होमगार्ड की भर्ती होने जा रही है। इसमें ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, उत्तरकाशी और टिहरी जिला शामिल है।

यहां होमगार्ड स्वयंसेवकों की एक-एक महिला प्लाटून की भर्ती की जानी है। छह दिसंबर 2022 को होमगार्ड विभाग के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा की थी। यह भर्ती प्रक्रिया जुलाई 2023 तक संपन्न होने की उम्मीद है।

होमगार्ड बनने के लिए शैक्षिक योग्यता 10वीं पास करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिस पर शासनादेश जारी हो गया है। जल्द ही प्रदेश के 10 जिलों में महिला होमगार्ड की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। होमगार्ड जवानों को हर क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वह पुलिस-प्रशासन के सहायक बल के रूप में कारगार साबित हों।