देहरादून। शहर के पाश इलाके अलकनंदा एन्क्लेव में नौ दिसंबर की रात्रि ओएनजीसी से सेवानिवृत्त अभियंता अशोक कुमार गर्ग की हत्या लूट के लिए की गई थी। चार दिन तक चली जांच एवं 750 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने गुरुवार को हत्या में शामिल दोनों आरोपितों को दबोच लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि आरोपित किराये पर कमरा देखने के बहाने से अशोक गर्ग के मकान में दाखिल हुए थे। जब उन्हें बुजुर्ग के अकेले रहने व बैंक अकाउंट में काफी रकम होने का पता चला तो उन्होंने लूट की साजिश रची। उन्होंने एटीएम छीनकर बुजुर्ग से उसका पासवर्ड पूछा, लेकिन जब गर्ग ने पासवर्ड नहीं बताया तो उन्होंने धारदार कटर से प्रहार कर उनकी हत्या कर डाली।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने गिरफ्तार आरोपितों के नाम ग्राम-खेडी थाना-दौराला जिला-मेरठ निवासी नवीन कुमार चौधरी और बड़े मंदिर के पास जैन मोहल्ला बड़ौत जिला-बागपत उत्तर प्रदेश निवासी अनंत जैन बताया।
पुलिस के अनुसार वर्तमान में दोनों देहरादून के वसंत विहार इंद्रानगर स्थित माउंट फोर्ट एकेडमी के पास किराये के फ्लैट में रह रहे थे। देर शाम पुलिस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नौ दिसंबर की रात लगभग साढ़े आठ बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि वसंत विहार थाना क्षेत्र के जीएमएस रोड स्थित अलकनंदा एन्क्लेव में 76 वर्षीय अशोक कुमार गर्ग की हत्या हो गई है। उनके गले व पेट पर किसी धारदार हथियार से प्रहार के घाव थे।
अशोक कुमार की दो बेटियां हैं, जिनमें एक गुरुग्राम और दूसरी चेन्नई रहती है। उनकी पत्नी का पांच वर्ष पूर्व निधन हो गया था। इसके बाद से अशोक गर्ग पूरे मकान में अकेले रहते थे। वह मकान के पिछले में बना एक रूम सेट किराये पर देना चाह रहे थे।
घटना के दिन किराये पर देने वाले कमरे में रंग-रोगन करा रहे थे। इसी दौरान दो युवक दोपहर साढ़े 12 बजे कमरा देखने आए और रात में या अगले दिन अग्रिम धनराशि देने की बात कहकर चले गए। पुलिस ने जब हत्या के बाद पूरे इलाके में विभिन्न मार्गों पर लगे सीसीटीवी की फुटेज जांची तो रात्रि करीब आठ बजे दो युवक जाते हुए नजर आए। उक्त दोनों युवकों को मुख्य संदिग्ध मानकर पुलिस जांच आगे बढ़ाती गई और बुधवार देर रात दोनों आरोपितों को दबोच लिया गया।
दोनों आरोपित एक-दूसरे को पहले से जानते थे। आरोपितों से लूटा गया एटीएम, डेढ़ हजार नगद, आधार कार्ड व वारदात में प्रयुक्त आराेपित नवीन की स्कूटी बरामद की गई।
गर्भवती पत्नी दे रही थी पैसों का ताना
पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपित नवीन कुमार ने बताया कि वह पेस्ट कंट्रोल का काम करता है, लेकिन इन दिनों काम नहीं मिल रहा था। जिससे उसे पैसों की तंगी हो गई। उसकी पत्नी गर्भवती है और वह इंद्रानगर में पहली मंजिल पर किराये पर रह रहा था। जहां नीचे उतरने में पत्नी को परेशानी हो रही थी। इसलिए वह भूतल पर किराये का कमरा देख रहा था। कमरा न मिलने व पैसों की तंगी के कारण पत्नी उसे रोजाना ताना देती थी व उनमें झगड़ा होता था। दोनों के मोबाइल फोन की चैटिंग में भी पुलिस को विवाद की बात पता चली। ऐसे में उसने कमरा मिलने तक पत्नी को कोटद्वार स्थित मायके भेज दिया।
अनंत ने बताया था अलकनंदा एन्क्लेव में कमरा
आरोपित नवीन को दूसरे आरोपित अनंत जैन ने अलकनंदा एन्क्लेव में किराये पर कमरा मिल जाने की बात कही थी। अनंत पहले अलकनंदा एन्क्लेव में अशोक कुमार गर्ग के मकान के पास किराये पर रहता था। बाद में जब नवीन की पत्नी मायके चली गई तो वह नवीन के साथ ही रहने लगा। घटना वाले दिन अनंत और नवीन ने कई घरों में किराये पर कमरे के लिए पूछताछ की और अंत में वह अशोक गर्ग के यहां पहुंचे।
वहां बात बन गई और इसी दौरान उन्हें गर्ग के अकेले रहने की बात पता चली। यही नहीं, मेज पर रखी बैंक की पासबुक में उन्होंने चोरी से यह भी देख लिया कि गर्ग के अकाउंट में लाखों रुपये हैं। यहीं से उनके मन में लूट की साजिश आ गई और देर शाम दोनों दोबारा पहुंच गए।
750 सीसीटीवी व लाल रंग के 500 ई-रिक्शा जांचे
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि मृतक के घर में कोई सीसीटीवी न होने के कारण पुलिस ने मृतक के मकान के आसपास व वहां तक जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी की फुटेज जांच की। इस दौरान दो संदिग्ध युवक घटनास्थल से पीछे सत्तोवाली घाटी से गांधीग्राम व जीएमएस रोड पर जाते हुए दिखे। करीब दो किमी पैदल चलने के बाद जीएमएस रोड पर दोनों एक लाल रंग के ई-रिक्शा में बैठे।
आरोपितों का चेहरा अंधेरा होने के कारण साफ नहीं दिखा लेकिन सीसीटीवी फुटेज से कपड़ों की पहचान हो गई। फिर पुलिस ने जीएमएस रोड पर लगे सीसीटीवी फुटेज जांचे तो ई-रिक्शा मिलन विहार कट के आगे खाली जाता हुआ नजर आया। पुलिस ने 500 लाल रंग के ई-रिक्शा की जानकारी जुटाई व किसी तरह उस रात वहां से गुजरे ई-रिक्शा का पता लगाकर चालक से पूछताछ की। चालक ने मिलन विहार के पास दोनों युवकों को उतार देने की बात कही।
स्कूटी भी खड़ी थी पर उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि उक्त स्कूटी उन व्यक्तियों की थी अथवा नहीं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच करती हुई आगे बढ़ी तो दोनों युवक एक स्कूटी पर जाते हुए दिखे, जो इंद्रानगर की ओर गई। घटनास्थल से इंद्रानगर तक करीब 750 सीसीटीवी फुटेज जांचने के बाद आखिरकार पुलिस आरोपितों तक पहुंच गई।
यूके07 नंबर और ग्रे रंग की 125 स्कूटी जांची
पुलिस के अनुसार मिलन विहार कट से आरोपित जिस स्कूटी पर गए, वह ग्रे रंग की थी और नंबर प्लेट पर सिर्फ यूके07 पढ़ने में आ रहा था। स्कूटी टीवीएस कंपनी की जुपिटर थी। इस पर पुलिस ने परिवहन विभाग के रिकार्ड में ग्रे रंग की सभी जुपिटर स्कूटी की जांच की। इनमें 125 स्कूटी इस रंग की मिली। पुलिस ने इन सभी स्कूटी के स्वामी का मोबाइल नंबर लेकर जांच शुरू की।
इनमें दो नंबर उस दिन संबंधित मार्ग पर सर्विलांस में पकड़ में आए। एक नंबर किसी युवती का था, जो जांच में निर्दोष मिली, लेकिन दूसरा नंबर आरोपित नवीन कुमार का निकला। पुलिस को यह स्कूटी माउंट फोर्ट एकेडमी के पास आवासीय क्षेत्र में खड़ी मिली और इसी के आधार पर दोनों आरोपित दबोच लिए गए।