गढ़वाल। उत्तराखंड में अब बर्फबारी शुरू होते ही मंदिर के कपाट बंद होने लगे हैं। शीतकाल के लिए बद्रीनाथ धाम समेत चारों धाम के कपाट बंद करने की तिथि एवं मुहूर्त तय कर दिए गए हैं। अब जल्द ही चारधाम यात्रा पर विराम लग जाएगा।
बद्रीनाथ के कपाट 18 नवंबर को दोपहर बाद 3:33 बजे बंद किए जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर्व पर 15 नवंबर को वृश्चिक लग्न में सुबह 8:30 बजे, यमुनोत्री धाम के कपाट इसी दिन अभिजीत मुहूर्त एवं मकर लग्न में दोपहर 11:57 बजे और गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11:45 बजे बंद किए जाएंगे। चार धाम यात्रा पर अब तक करीब 50 लाख यात्री पहुंच चुके हैं।
घोषित की गई कपाट बंद करने की तारीख
विजयदशमी पर्व पर बद्रीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने आदि शंकराचार्य की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि घोषित की। इस मौके पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे। वहीं, पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया।
बाबा केदार की निकलेगी उत्सव डोली
तय हुआ कि 15 नवंबर को ही बाबा केदार की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए रामपुर, 16 नवंबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी और 17 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि देवी यमुना के शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली (खुशीमठ) से शनिवार महाराज की डोली 15 नवंबर सुबह यमुनोत्री धाम पहुंचेगी।
कपाट बंद होने के बाद शनि महाराज की अगुवाई में ही देवी यमुना की डोली खरसाली के लिए प्रस्थान करेगी। इसी तरह मां गंगा की उत्सव डोली भी अन्नकूट पर कपाट बंद होने के बाद गंगोत्री धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल मुखीमठ (मुखवा) के लिए प्रस्थान करेगी।
तुंगनाथ और मध्यमेश्वर धाम के बंद की तारीख आई सामने
विजयदशमी पर्व पर तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में तय हुआ कि धाम के कपाट एक नवंबर को धनु लग्न में सुबह 11 बजे बंद किए जाएंगे। वहीं, पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तय हुआ कि द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को वृश्चिक लग्न में सुबह आठ बजे बंद किए जाएंगे।