स्टेट डाटा सेंटर पर अक्टूबर में हुए साइबर हमले के बाद से ही सूचना प्रौद्योगिकी विभाग साइबर सुरक्षा को लेकर लगातार नए कदम उठा रहा है। साइबर हमले के दौरान जब सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने सभी विभागों से मिलने वाले ऑनलाइन डाटा और विभागीय व्यवस्थाओं का अध्ययन किया तो इसमें काफी खामियां पाई गईं।
यह देखा गया कि कई विभागों की एक से अधिक वेबसाइट बनी हुई हैं। इनमें से कुछ चल रही हैं तो कुछ अपडेट नहीं हुई हैं। यहां तक कि ये अलग-अलग फर्मों से बनवाई गई हैं। इसी प्रकार विभागों में सरकारी कंप्यूटरों पर इंटरनेट मीडिया का काफी उपयोग किया जा रहा है। अधिकांश विभागों में साफ्टवेयर भी आउटडेटेड हैं। इसे देखते हुए अब सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने सभी विभागों को नए प्रारूप पर सभी सरकारी विभागों व उनके निदेशालयों की वेबसाइट बनाने का निर्णय लिया है। एनआइसी के सहयोग से सभी विभाग इस कार्य को करेंगे।
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा ने बताया कि सभी विभागों को इस आशय का पत्र जारी कर दिया गया है। इसमें वेबसाइट के नियमित निरीक्षण और सुरक्षा की जिम्मेदारी एनआइसी की रहेगी। संबंधित विभागों को इसमें समय-समय पर होने वाले बदलावों के विषय में डाटा फीड करना होगा।
आंदोलनकारी आश्रितों का जल्द जारी होगा प्रमाण पत्र
प्रदेश में राज्य आंदोलनकारी व उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। शासनादेश जारी हुए दो माह से अधिक समय बीतने के बाद भी आंदोलनकारियों के आश्रितों को प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी आदेश जारी नहीं हो पाए थे।
दरअसल, पहले यह प्रकरण कार्मिक विभाग को भेजा गया। कार्मिक विभाग ने इसका अध्ययन कर स्पष्ट किया कि आंदोलनकारी गृह विभाग का विषय है ऐसे में प्रमाण पत्र भी वही निर्गत करेगा। इस संबंध में भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने सचिव शैलेश बगौली से भी मुलाकात की। सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया कि विभाग का प्रयास इसी सप्ताह इसका शासनादेश जारी करने का है।