गोपेश्वर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार सुबह बदरीनाथ धाम पहुंचे। मंदिर में पूजा-अर्चना कर उन्होंने भगवान बदरीविशाल का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री धामी ने बदरी पुरी में तीर्थयात्रियों से बातचीत कर यात्रा को लेकर उनके फीडबैक भी लिए।
सीएम धामी ने बदरीनाथ धाम में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों और पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मास्टर प्लान कार्यों का निरीक्षण भी किया। इसके साथ ही सीएम धामी ने बदरी पुरी के तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात और हक-हकूक धारियों के साथ आत्मीयता के साथ संवाद किया। इसके साथ ही स्थानीय दुकानदारों से मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना।
आज पंच पूजा के साथ शुरू होगी कपाट बंद करने की प्रक्रिया
वहीं भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया आज पंच पूजा के साथ शुरू होगी। परंपरा के अनुसार पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम कपाट 17 नवंबर को रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाने हैं। इसी के साथ उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा भी विराम ले लेगी। यमुनोत्री, गंगोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही बंद किए जा चुके हैं।
पंच पूजा के तहत आज सुबह धाम में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना होगी और सांध्य बेला में गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। दूसरे दिन 14 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के सामने स्थित आदिकेदारेश्वर मंदिर और आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। जबकि 15 नवंबर को खड़क पुस्तक बंद होने के साथ मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा।16 नवंबर को माता लक्ष्मी की कढ़ाई भोग चढ़ाया जाएगा। इस दिन धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजने का न्योता देने के लिए लक्ष्मी मंदिर जाएंगे। 17 नवंबर को माता लक्ष्मी के भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजमान होने के साथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
पंच पूजा रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल व वेदपाठी रविंद्र भट्ट संपन्न कराएंगे। 18 नवंबर को भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व भगवान के वाहन गरुड़जी की डोली और आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर व जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगी।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मंदिर के कपाट बंद करने की तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। इस मौके को यादगार बनाने के लिए मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। बताया कि अब तक धाम में 13.80 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।