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मौसम विभाग ने अगले तीन दिन मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा छाने की चेतावनी दी

देहरादून। उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक मौसम शुष्क बना हुआ है और ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। इसके साथ ही पहाड़ों में पाला तो मैदानी क्षेत्रों में कोहरा दुश्वारी बढ़ाने लगा है। इसके साथ ही पारे में भी धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जाने लगी है। 

मौसम विभाग की ओर से अगले तीन दिन मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा छाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है। खासकर ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले के कुछ क्षेत्रों में घना कोहरा परेशानी बढ़ा सकता है। 

मानसून की विदाई के बाद से ही मौसम की बेरुखी बनी हुई है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में करीब डेढ़ माह से वर्षा नहीं हुई है। जिससे मौसम सामान्य से कम सर्द है। हालांकि, अब तापमान में गिरावट आ रही है, लेकिन अब भी ज्यादातर क्षेत्रों में पारा सामान्य से अधिक है। 

इसके अलावा लगातार शुष्क बने मौसम से वायु प्रदूषण भी लंबे समय तक हवा में तैर रहा है। गुरुवार को प्रदेश में शुष्क मौसम रहा। हालांकि, सुबह मैदानी क्षेत्रों में कुहासा छाया रहा। इसके बाद दिन में चटख धूप खिली। दून में भी धूप खिली रही, लेकिन वातावरण में प्रदूषण की चादर बिछने से आंशिक बादल छाने जैसी स्थिति बनी रही। 

दून का अधिकतम और न्यूनतम तापमान भी अभी सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। अगले एक सप्ताह वर्षा के आसार नहीं हैं।

 

इस बीच अगले तीन दिन मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं घना कोहरा छा सकता है। जिसके लेकर चेतावनी जारी की गई है। देहरादून में भी सुबह धुंध व कुहासा छाने के आसार हैं। 

शहर
अधिकतम
न्यूनतम
देहरादून 28.2 13.3
ऊधमसिंह नगर 26.0 13.6
मुक्तेश्वर 21.0 5.7
नई टिहरी 20.9 8.8

बदलते मौसम में कुत्ते-बिल्ली में भी फैलने लगा वायरल 

बदलते मौसम में इंसानों के साथ ही कुत्ते-बिल्लियों में भी वायरल के मामले सामने आने लगे हैं। राजकीय पशु अस्पताल में रोजाना 30 मामले कुत्तों-बिल्लियों में सर्दी-बुखार व खांसी के आ रहे हैं। पशु चिकित्सक पशुपालकों को सलाह दे रहे हैं कि पशुओं को फिलहाल चावल, दही आदि ठंडी चीजें नहीं, गुड़, आलू, अंडे या मीट खिलाएं। 

पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की मानें तो बदलते मौसम में कुत्तों-बिल्लियों को निमोनिया, हाइपोथर्मिया जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं, जिससे कुत्तों-बिल्लयों में नाक बहने, बुखार व खांसी, उल्टी-दस्त की समस्या हो जाती है। ऐसे मौसम में इंसानों की तरह की पशुओं का भी ख्याल रखना चाहिए। हालांकि, पशुओं के वायरल से इंसानों को कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ अन्य पशु ही वायरल के चपेट में आते हैं। 

ऐसे में चिकित्सक पशुपालकों को पशुओं की डाइट में बदलाव का सुझाव दे रहे हैं। हल्द्वानी स्थित राजकीय पशु अस्पताल के पशु चिकित्सक डा. आरके पाठक ने बताया कि छोटे पशुओं को सुबह व शाम चावल न दें।

 

चावल सिर्फ दिन के समय ही परोसें। जब चावल दें तो आलू, अंडे व मीट एक्सट्रा डाइट एड करें। साथ ही कुत्ते-बिल्लियों के बीमार पड़ने से ही तुरंत उन्हें अस्पताल लाएं। बताया कि पहले प्रतिदिन पशुओं की ओपीडी 50 से 60 की होती थी, अब 95 से 106 तक पहुंच रही है।

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