भुपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
प्रशांत भूषण पर अवमानना मामलें में कसता शिकंजा उनके द्वारा मुख्य न्यायमूर्ति तथा चार अन्य पूर्व मुख्य न्यायमूर्तियों को लेकर ट्वीट किए थे इसी मामले में यह फ़ैसला आया है कोर्ट 20 अगस्त को प्रशांत भूषण की सज़ा पर सुनवाई करेगा।
जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की इस बेंच ने कहा कि यह अवमानना का गंभीर मामला है,इस बेंच में जस्टिस अरुण मिश्र के अलावा जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्णा मुरारी थे। यह फ़ैसला वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए सुनाया गया।
इसी वर्ष 22 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के दो विवादित ट्वीट्स पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था,अदालत का कहना था कि शुरुआती तौर पर प्रशांत भूषण के इन ट्वीट्स से न्याय व्यवस्था का अपमान होता है.
प्रशांत भूषण ने इस पर कहा था कि विचारों की स्वतंत्रता अदालत की अवमानना नहीं हो सकती. लेकिन अब अदालत ने इसे अवमानना माना है और उन्हें दोषी करार दिया है ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्विटर पर इन बयानों से न्यायपालिका की बदनामी हुई है और सुप्रीम कोर्ट और ख़ास तौर पर भारत के चीफ़ जस्टिस के ऑफ़िस के लिए जनता के मन में जो मान-सम्मान है, प्रशांत भूषण के बयान उसे नुक़सान पहुँचा सकते हैं ।