देहरादून: 25.01.2025
♦️ *उत्तराखंड के सबसे बड़े मोस्ट वॉन्टेड अपराधी को STF देहरादून ने जमशेदपुर, झारखण्ड से किया गिरफ्तार।*♦️
**25 वर्षों से जनपद चमोली से फरार हत्या आरोपी पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित था।*
उत्तराखंड में संगठित अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु वर्ष 2005 में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था। स्पेशल टास्क फोर्स को अंग्रेज सिंह जो मय सह अभियुक्तों के पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था और दूसरा सुरेश शर्मा जिसने तीर्थ नगरी बद्रीनाथ में सरेआम डीजीसी बालकृष्ण भट्ट की हत्या की थी, को गिरफ्तार करने के 02 प्रमुख टास्क दिये गये थे, जिनमें से अंग्रेज सिंह को वर्ष 2007 में उत्तराखंड पुलिस के द्वारा मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
उक्त के क्रम में सुरेश शर्मा उपरोक्त लगातार फरार था। इसकी गिरफ्तारी के लिये एस0टी0एफ0, उत्तराखण्ड स्थापना के समय से गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, दिल्ली व अन्य राज्य के विषेश पुलिस बल भी गिरफ्तारी का प्रयास कर रहे थे किंतु सफलता प्राप्त नहीं हो पाई।
नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक,उत्तराखण्ड,दीपम सेठ महोदय द्वारा उत्तराखंड राज्य में जघन्य अपराधों में लम्बे समय से वांछित इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को विषेश रूप से निर्देशित किया गया। उक्त निर्देश के क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा पुलिस उपाधीक्षक,एसटीएफ आर0बी0 चमोला के निकट पर्यवेक्षण में एक टीम का गठन कर उपरोक्त लम्बे समय से फरार अपराधी की गिरफ्तारी हेतु उचित दिशा निर्देश दिये गये, गठित टीम द्वारा पूर्व में प्राप्त तकनिकी तथा भौतिक सूचनाओं का वर्तमान में प्राप्त सूचनाओं से मिलान करते हुए उक्त अपराधी की पहचान स्थापित कर की, तत्पश्चात दिनांक 23 जनवरी 2025 को निरीक्षक अबूल कलाम के नेतृृत्व में उ0नि0 विघादत्त जोशी, उ0नि0 नवनीत भण्डारी, हे0का0 संजय कुमार, का0 मोहन असवाल, का0 जितेन्द्र एस0टी0एफ0, टीम द्वारा अभियुक्त सुरेश शर्मा को जमशेदपुर झारखंड से गिरफ्तार किया गया।
🔸 *घटना का विवरण*
अभियुक्त सुरेश शर्मा पुत्र दयाराम शर्मा मूल निवासी बद्रीश आश्रय, नियर अंकुर गैस एजेंसी, लिसा डिपो रोड, आशुतोष नगर ऋषिकेश का वर्ष 1988 से क्वालिटी नाम से तीर्थनगरी बद्रीनाथ में एक रेस्टोरेंट था। वर्ष 1999 में तत्कालीन डीजीसी, बालकृष्ण भट्ट, जो जनपद चमोली में तैनात थे जिनका सुरेश शर्मा से रेस्टोरेंट की भूमि को लेकर विवाद था जो बढ जाने के कारण अभियुक्त सुरेश शर्मा के द्वारा दिनाॅक 28.04.1999 को बालकृष्ण भट्ट की दिनदहाड़े सरेआम चाकु से गोदकर हत्या कर दी, इस घटना से तीर्थ नगरी बद्रीनाथ दहल उठी अपराधी सुरेश शर्मा घटना में मौके पर गिरफ्तार हुआ परन्तु कुछ समय पश्चात अभियुक्त को जमानत मिल गई। वह जेल से बाहर आ गया। कुछ समय पश्चात माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उक्त अभियुक्त की जमानत खारिज कर दी गई। जिसके पश्चात गिरफ्तारी से बचने हेतु अभियुक्त सुरेश शर्मा फरार हो गया।
*ईनामी अपराधी की गिरफ्तारी हेतु की गई कार्यवाही का विवरण*
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह के निर्देशन में फरार अपराधी सुरेश शर्मा से सम्बन्धित पुर्व में किये गये तकनीकी कार्यों एवं भौतिक सूचनाओं जैसे अपराधी का फिंगर प्रिन्ट, वाईस सेंपल व अन्य दस्तावेजों का पुनः बारिकी से विश्लेषण किया गया। विश्लेषण से प्राप्त नए तथ्यों का डिजीटल वेरिफिकेशन एवं भौतिक सत्यापन हेतु टीम को महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं झारखण्ड भेजा गया। टीम द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति को चिन्हित किया गया जिसके पास मनोज जोशी पुत्र रामप्रसाद जोशी निवासी 24 परगना, पश्चिम बंगाल की आधार पहचान पत्र था चूंकि अपराधी का 24 वर्ष पुराना फोटोग्राफ होने के कारण वर्तमान में चेहरे की मिलान करना सम्भव नही हो पा रहा था। अतः टीम द्वारा उक्त संदिग्ध के सम्बन्ध में पतारसी सुरागरसी की गई एवं पूर्व में सुरेश शर्मा चमोली जेल से फिंगर प्रिन्ट प्राप्त कर उक्त संदिग्ध के उठने बैठने के सार्वजनिक स्थानों से गोपनीय रूप से प्राप्त कर मिलान किया गया एवं चेहरे के मिलान हेतु भी विभिन्न साफ्टवेयर का प्रयोग कर टीम द्वारा पहचान को स्थापित हो जाने पर अभियुक्त को दिनांक 23.01.2025 को जमशेदपुर झारखंड से गिरफ्तार कर सम्बन्धित माननीय न्यायालय प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर उत्तराखण्ड लाया गया।
अभियुक्त सुरेश शर्मा ने पूछताछ में बताया कि उपरोक्त अभियोग में मेरी 40 दिन के बाद जमानत हो गई थी और मैं छूटने के बाद अपने रिश्तेदारों के यहां मुंबई चला गया। कुछ दिन वहां रहने के पश्चात मुझे पता चला कि मेरी जमानत खारिज हो गई और मेरे घर वालों ने मुझे वापस बुलाया किंतु मैं घर वापस न जाकर कोलकाता चले गया। वहां पर मैंने पहले सड़क किनारे ठेली लगाकर खाना बनाने का काम शुरू किया। कुछ समय बाद मैने कपड़ों का व्यापार किया तथा लॉकडाउन के बाद से मैं एक रग मेटल ट्रेडिंग कंपनी का व्यवसाय कर रहा था जो की स्क्रैप का काम करती है। कम्पनी के काम से मै भारतवर्ष के अलग-अलग शहरों में भ्रमण करता रहता हॅू तथा इसी कार्य से जमशेदपुर आया था। जहॅा मैने पहचान छिपाने के लिये मनीष शर्मा नाम रखा तथा उसके पश्चात कर मनोज जोशी के नाम अपने दस्तावेज बना लिये। वर्तमान में मेरी एक पत्नी जिसका नाम रोमा जोशी जो पश्चिम बंगाल की रहने वाली है तथा दो पुत्र हैं।
*अभियुक्त का विवरण*
*सुरेश शर्मा पुत्र श्री दयाराम शर्मा मूल निवासी बद्रीश आश्रय, नियर अंकुर गैस एजेंसी, लिसा डिपो रोड, आशुतोष नगर ऋषिकेश*
🔸 *गिरफ्तारी में सम्मलित पुलिस टीमः-*
1. निरीक्षक श्री अबुल कलाम, एस0टी0एफ0
2. उपनिरीक्षक श्री विघादत्त जोशी, एस0टी0एफ0
3. उ0नि0 नवनीत भण्डारी जनपद चमोली
4. हे0का0 संजय कुमार, एस0टी0एफ0
5. का0 मोहन असवाल, एस0टी0एफ0
6. का0 जितेन्द्र कुमार,
🔸 *मैनुवल एवं तकनीकी सहयोगी टीमः-*
1. उ0नि0 यादविंदर सिंह बाजवा
2. अपर उप. नि. संजय मेहरोत्रा
2. हे0का0 स्व0 वेद प्रकाश भट्ट (पूर्व नियुक्ति एस0टी0एफ0)
3. हे0का0 महेंद्र सिंह नेगी
4.हे0का0 बृजेंद्र चौहान
5. हे0का0 श्रवण कुमार, सी0सी0पी0एस0
6. का० गोविंद वल्लभ