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देहरादून:पार्षद द्वारा एससी जाति के व्यक्ति की भूमि कब्जाने के प्रयास मामलें में एससी कमीशन ने डीएम को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

देहरादून: उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डांडा धर्मपुर, बद्रीश कालोनी के दलित व्यक्ति विनोद कुमार के साथ मारपीट और जातिसूचक अपशब्दों के प्रयोग को लेकर जिलाधिकारी देहरादून से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने 29 नवम्बर तक पूरे मामले पर विस्तार से रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। आरोप है कि स्थानीय पार्षद कमली भट्ट उनके सहयोगी अतुल शर्मा और साथ आये कुछ लोगों ने इस घटना को अंजाम देकर भूमि कब्जाने का प्रयास किया।
मामला 30 सितम्बर 2021 का है।

शिकायतकर्ता विनोद कुमार के अनुसार उक्त दिन अतुल शर्मा स्वयं और 8-10 अन्य लोगों के साथ आया और प्रार्थी की भूमि पर लगे मुख्य गेट पर जोर-जोर से लात मारने लगे और प्रार्थी को जाति सूचक गालियां दी। गेट खुलने के बाद विनोद को लाठी डण्डो से भी पीटा गया। इन लोगों ने वहां रह रहे अन्य लोगों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया और विवादित जमीन को कब्जाने की कोशिश की। विनोद हरिजन जाति का व्यक्ति है और विगत कई वर्षों से उक्त भूमि पर काबिज काश्त करता चला आ रहा है। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट में इसी बात का उल्लेख किया कि उक्त भूमि पर विनोद कुमार ही काबिज है।
वहीं विनोद की तरफ से देहरादून जिला न्यायालय में इस पूरे मामले को देख रहे अधिवक्ता ने कहा इस पूरे मामले में खानापूर्ति के लिए उपनिरीक्षक से जांच करवायी गई जो नियम विरूध है। एससीएसटी मामले में केवल सीओ लेवल का अधिकारी ही जांच कर सकता है, ओर एससीएसटी एक्ट में 12/2 में स्पष्ठ लिखा गया है कि दलित व्यक्ति की तहरीर पर ही तुंरत मुकदमा दर्ज होगा। अगर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है तो ऐसे अधिकारी के खिलाफ सैक्शन 4 के तहत एक साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही एससीएटी की धारा 3 ज/च और 10 में लिखा है कि दलित व्यक्ति अगर कब्जे में है तो उसे कब्जे से जबरन नहीं हटाया जा सकता है।