विभिन्न जगहों पर खड़े रहेंगे स्वयं सेवक
आरएसएस के पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के संयोजक डा. अमित पांडेय ने शुक्रवार को अनौपचारिक बातचीत में बताया कि संगठन की ओर से मेला क्षेत्र में सक्रिय स्वयंसेवक जगह जगह पर खड़े रहेंगे। श्रद्धालुओं और दुकानदारों से कहेंगे कि अपनी पालीथिन हमे दें और बदले में झोला ले लें। देशभर से थालियां और थैले एकत्र करने का अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 15 लाख थालियां व थैले आ चुके हैं।
लिमका बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मिल सकती है जगह
इसमें से एक लाख 50 हजार का वितरण हो चुका है। कुल 21 लाख थालियां वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को लिमका बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया जा सकता है। थैले एकत्र करने के साथ प्रदेश के 75 जिलों सहित बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कश्मीर, कन्याकुमारी और उत्तराखंड की महिलाओं को तमाम जगहों पर जिम्मेदारी दी गई है कि वे थैला बनाएं।
इकोलाजी सिस्टम को बचाने पर जोर
इसके अतिरिक्त दोने-पत्तल, कुल्हड़ आदि भी बनवाए जा रहे हैं। इन्हें मेला क्षेत्र में बांटा जाएगा। संगठन ने तय किया है कि सनातनी संस्कारों की जड़ों को गहरा करने के साथ इकोलाजी सिस्टम के बचाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी के जरिए हरितकुंभ की परिकल्पना को मूर्तरूप दिया जाएगा। अभियान को बल देने के लिए संगठन के अखिल भारतीय पर्यावरण संयोजक गोपाल आर्य, अजय व अन्य पदाधिकारियों ने शहर में डेरा डाल दिया है।