जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कश्मीर घाटी में कई जगहों पर छापेमारी की है। श्रीनगर बारामूला और अनंतनाग सहित कई स्थानों पर तलाशी ली गई है। छापेमारी प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों की जांच के तहत की गई है जिनमें जम्मू-कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (भट ग्रुप) जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग (मसरत आलम ग्रुप) और जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (शब्बीर शाह ग्रुप) शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों की जांच के तहत पूर्व हुर्रियत प्रमुख अब्दुल गनी भट के आवासों सहित कश्मीर घाटी में कई स्थानों पर छापेमारी की है।
इस बारे में अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कश्मीर घाटी में श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग सहित कई स्थानों पर दो दिनों तक तलाशी ली गई है।
पुलिस ने कहा कि इनमें गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (भट ग्रुप), जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग (मसरत आलम ग्रुप) और जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (शब्बीर शाह ग्रुप) शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि भट के दो आवासों पर छापे मारे गए, एक बारामूला में और दूसरा श्रीनगर के वजीर बाग में। भट हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के घटक जम्मू-कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (भट ग्रुप) का प्रमुख है। उन्होंने बताया कि डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के प्रमुख शब्बीर अहमद शाह के घर पर भी छापेमारी की गई।
आधिकारिक बयान के अनुसार, जिन अन्य नेताओं के यहां छापेमारी की गई, उनमें तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख मसरत आलम भट, गुलाम नबी सुंबजी, मुश्ताक अहमद भट (उर्फ गुग्गा), गुलाम नबी वागे, फिरोज अहमद खान और मोहम्मद नजीर खान, हकीम अब्दुल राशिद और जावेद अहमद मुंशी (उर्फ बिलपापा) शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन प्रतिबंधित संगठनों के संदिग्ध सदस्यों के संबंध में और विभिन्न मामलों में जांच को आगे बढ़ाने के लिए छापेमारी की गई।
उधर, कश्मीर में पाकिस्तान परस्त सियासत का प्रमुख चेहरा रहे सैयद अली शाह गिलानी के करीबी मोहम्मद शफी रेशी ने हुर्रियत और अपने संगठन डेमोक्रेटिक पॉलिटकल मूवमेंट (डीपीएम) से किनारा कर लिया है।
जेकेपीएम के नेता शाहिद सलीम ने भी हुर्रियत से नाता तोड़ने की घोषणा की है। एक अन्य समूह, मोहम्मद शरीफ सरताज की अध्यक्षता वाले जम्मू स्थित जेएंडके फ्रीडम मूवमेंट ने भी अलगाववादी गठबंधन के साथ लंबे संबंध समाप्त कर लिए।
डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद शफी रेशी ने कहा कि हुर्रियत की असलियत को समझ चुका था। इनके पास रोडमैप नहीं था और न है। इनकी विचारधारा अपनी नहीं है, यह पड़ोसी देश द्वारा सौंपी है। आम कश्मीरी की भावनाओं और आकांक्षाओं को कहीं भी हुर्रियत सही ढंग से व्यक्त नहीं कर सकी।
वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की एकजुटता की नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को पूरी तरह समाप्त किया l