पीएम पोषण योजना के तहत बनने वाले भोजन की जांच में हुआ खुलासा उत्तराखंड प्रदेश के 53 सरकारी स्कूलों में परोसा जा रहा खराब गुणवत्ता का खाना
इस संवाददाता द्वारा उपरोक्त अत्यंत ही गंभीर मामले में व्यापक जनहित में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि ‘उत्तराखंड प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को खराब गुणवत्ता का भोजन दिया जा रहा है। प्रदेश के 53 सरकारी स्कूलों में पीएम पोषण योजना के तहत बनने वाले भोजन की जांच में इस बात का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मची है। जांच रिपोर्ट मिलने पर राज्य परियोजना निदेशक ने सात जिलों के सीईओ को चेतावनी जारी की है।
यह कि पीएम पोषण योजना के तहत विद्यालयों में तैयार भोजन में पोषक मानकों की जांच के लिए वर्ष 2023- 24 में नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार और अल्मोड़ा के विद्यालयों और मदरसों में भोजन की जांच कराई गई थी। नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) की ओर से कराई गई जांच में छात्राओं को दिए जाने वाले भोजन में आवश्यक पोषक मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। प्रदेश के सात जिलों के 53 विद्यालयों में तैयार चावल, दाल और सब्जियों में ऊर्जा और प्रोटीन की मात्रा तय मानकों से न्यून पाई गई। अपर राज्य परियोजना निदेशक मुकुल सती ने सातों जनपदों के सीईओ को चेतावनी जारी की है।
यह कि निम्न स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता में कमी पाई गई है।
1- नैनीताल के राप्रावि कालाढूंगी रोड़, राप्रावि तुलसीनगर, राप्रावि सुभाष नगर, राप्रावि गौजाजाली, राप्रावि देवलचौड़, राप्रावि प्रेमपुर, जूनियर हाईस्कूल गौजाजाली और राउप्रावि कालाढूंगी रोड़।
2- बागेश्वर के राप्रावि लौबंज, राबाउप्रावि कौसानी, राईका कौसानी, राइका कौलग,राईका गरुड़।
3- देहरादून के राप्रावि ओली बकराता, कैंट प्रावि लालकुर्ती बाजार चकराता, राईका ग्वासापुल चकराता, कैंट कॉलेज चकराता, बालिका जूनियर हाईस्कूल सेलाकुई।
4- हरिद्वार के राप्रावि मोहम्मदपुर खानपुर, राप्रावि गोवर्द्धधनपुर खानपुर, राउप्रावि करनपुर, बालाजी एकेडमी जूनियर हाईस्कूल खानपुर, राउप्रावि पुरूहरलिकी।
5- पौड़ी के राप्रावि नंबर एक कोटद्वार, राप्रावि नंबर आठ कोटद्वार, राप्रावि लालपुर, राआप्रावि मोटाडांग, राप्रावि झंडीचौड़, राईका कोटद्वार, राबाउप्रावि कोटद्वार, राजकीय बालिका हाईस्कूल लालपुर, इंटर कॉलेज मोटाडांग, राइका झंडीचौड़।
यह कि पीएम पोषण योजना का मकसद राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों, स्थानीय निकायों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों और मदरसों में कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत बच्चों के पोषण में सुधार करना है। भारत सरकार की ओर से निर्धारित ऊर्जा और प्रोटीनयुक्त भोजन में विद्यालयों की ओर से बरती जा रही लापरवाही सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का भी उल्लंघन है।
अत: माननीय महोदय जी से निवेदन हैं कि शिकायत का विषय बहुत ही गंभीर है क्योंकि बच्चों को ख़राब गुणवत्ता का भोजन दिया जा रहा है, इसलिए परियोजना निदेशक को जांच रिपोर्ट मिलने पर इस मामले में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए थी परंतु राज्य परियोजना निदेशक ने सात जिलों के सीईओ को मात्र चेतावनी जारी की है, इसलिए जनहित में रिपोर्ट तलब कर तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें’।
आयोग के सदस्य (आईपीएस) राम सिंह मीना द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, ननूरखेडा,देहरादून को नोटिस जारी कर आदेश जारी किए गए।
आदेश:-
शिकायतकर्ता – भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी ने उत्तराखण्ड प्रदेश के 53 स्कूलों में पीएम पोषण योजना के तहत बनने वाले भोजन की गुणवत्ता खराब होने व जनहित में तत्काल कार्यवाही करने के सम्बन्ध में शिकायत प्रस्तुत की है।
शिकायत की प्रति निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, ननूरखेडा, देहरादून को भेजी जाए कि वे इस सम्बन्ध में अपनी आख्या आगामी दिनांक से पूर्व आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।
विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही न किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरान्त यथोचित आदेश पारित कर दिए जायेंगे।