उत्तराखंड में साइबर ठगी के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न राज्यों में छिपे 272 साइबर ठगों की गिरफ्तारी के लिए 17 टीमें भेजी गई हैं। अब तक हरियाणा के हिसार से दो साइबर ठगों को हिरासत में लिया गया है। एसटीएफ ने 337 साइबर अपराधियों को चिह्नित किया है जिनमें से अधिकांश दिल्ली महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हैं।
उत्तराखंड में साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाले साइबर ठगों की गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून और रुद्रपुर से टीमें रवाना कर दी गई हैं।
पहले चरण में देश के विभिन्न राज्यों में छिपे 272 साइबर ठगों की गिरफ्तारी के लिए 17 टीमें भेजी गई हैं। हरियाणा के हिसार से दो साइबर ठगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस उन्हें जल्द गिरफ्तार कर सकती है।
देश के विभिन्न राज्यों में छिपकर उत्तराखंड राज्य में साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम देने वाले साइबर अपराधियों की धरपकड़ और उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान ‘ऑपरेशन प्रहार’ चलाया गया है।
प्रदेश के दो साइबर थानों साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन गढ़वाल व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमाऊं परिक्षेत्र में दर्ज 200 से अधिक लंबित साइबर अपराधों में शामिल 28 राज्यों के 337 साइबर अपराधियों को चिह्नित किया गया है। इनमें आठ मुकदमे 2022, जबकि 192 मुकदमे वर्ष 2023, 2024 व 2025 के शामिल हैं।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि एसटीएफ की ओर से कुल 337 साइबर ठगों को चिह्नित किया है। इनमें दिल्ली में 43, महाराष्ट्र में 38, उत्तर प्रदेश में 28, राजस्थान में 28, तमिलनाडु में 25, बंगाल में 18, कर्नाटक में 17, गुजरात में 16, नागालैंड में 15, मध्य प्रदेश में 14, तेलंगाना में 11, केरला में 10, आंध्र प्रदेश में 10, बिहार में नौ, हरियाणा में आठ, पंजाब में सात, असम में छह, मणिपुर में छह, मिजोरम में पांच, झारखंड में पांच, गोवा में पांच, ओडिशा में चार, छत्तीसगढ़ में तीन, त्रिपुरा में दो, गुजरात के दादरा नागर हवेली में एक, मेघालय में एक, हिमाचल प्रदेश में एक और उत्तराखंड में एक साइबर अपराधी को चिह्नित किया गया है।