Human Rights

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सशपथ बयान दर्ज़ कराने हेतु नोटिस जारी

देहरादून में वार्डो से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों में ढोकर घोर लापरवाही बरती जा रही है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है,जिससे आमजन में संक्रमण फैलने का खतरा है और क्या पता लोगों में इस कारण संक्रमण फैल भी रहा हो

इस संवाददाता द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में दिनाँक-08-4-2024 को जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि “देहरादून में वार्डो से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों में ढोया जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बना हुआ है। कई दिनों पुराने कूड़े से संक्रमण फैलने का पूरा खतरा है और क्या पता लोगों में इस कारण संक्रमण फैल भी रहा हो”।

शहर के विभिन्न वार्डो से प्रतिदिन लगभग 500 टन कूड़ा निकलता है। इस कूड़े को शहर में तीन जगहों पर एकत्र करने के बाद यहां से कूड़ा निस्तारण के लिए भेजा जाता है, लेकिन इस कूड़े को प्लांट तक ले जाने में घोर लापरवाही बरती जा रही है क्योंकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से किसी भी दशा में कूड़े की खुले वाहनों से निस्तारण प्लॉट तक नहीं ले जाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। 

विभिन्न वार्डो से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों से पहले कारगी चौक के पास जमा किया जाता है। इसके बाद जेसीबी के जरिये इस कूड़े को वाहनों में डालकर 15 से 20 किलोमीटर दूर शीशमबाड़ा तक पहुंचाया जाता है। कूड़ा ले जाने वाले यह वाहन भी ऊपर से खुले हुए हैं। इससे जब सड़कों पर जाम लगता होगा उस समय जाम में फंसे वाहन चालकों को भी इससे परेशानी होती है क्योंकि कूड़ा हवा से उड़कर इधर-उधर फैलता होगा 

डॉ.आरके चतुर्वेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि समय-समय पर इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं और फिर से नगर निगम को निर्देश जारी किए जाएंगे। परंतु बड़ा सवाल यह है कि जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तो इस मामले में कार्यवाही क्यों नहीं की गई जबकि यह स्पष्ट रूप से आमजन की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है।

दूसरी ओर डॉ.अविनाश खन्ना, नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कूड़े को खुले वाहनों में ले जाना गंभीर लापरवाही है। पहले भी इसके लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। जहां-जहां लापरवाही बरती जा रही है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बड़ा सवाल यह है कि जब दिशा निर्देश दिए गए हैं तो इस मामले में डॉ.अविनाश खन्ना, नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्धारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई, जबकि यह मामला स्पष्ट रूप से आमजन की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है।

मानवाधिकार आयोग के सदस्य (आईपीएस) राम सिंह मीना द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर अपनी आख्या प्रस्तुत करने हेतु आदेश जारी किए गए थे।

उपरोक्त अत्यंत ही आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़े प्रकरण में नियत तिथि पर मुख्य स्वास्थ्य अधिकरी,नगर निगम देहरादून द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत ना करने पर आयोग के सदस्य (आईपीएस) राम सिंह मीना द्वारा सख़्त रूख अपनाते हुए पुन: आदेश जारी किए गए।

आदेश-

शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी आयोग के समक्ष उपस्थित है।

मुख्य स्वास्थ्य अधिकरी, नगर निगम देहरादून द्वारा आख्या प्रेषित नहीं की गई है। पुनः नोटिस जारी हो कि वह आगामी दिनांक तक अवश्य ही इस सम्बन्ध में अपनी आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। आख्या न प्रस्तुत करने की स्थिति में वह आगामी दिनांक को किसी वरिष्ठ भिज्ञ अधिकारी को समस्त दस्तावेजों सहित आयोग में उपस्थित होने हेतु निर्देशित करेंगे जिससे कि उनका सशपथ बयान अंकित हो सकें।

पत्रावली 13.11.2024 को प्रस्तुत हो।

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विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही न किये जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरान्त यथोचित आदेश पारित कर दिये जायेंगे।