एक्सक्लूसिव

MDDA अनुसचिव अनुजा सिंह ने पूर्व VC वी.षणमुगम द्वारा की गई विभागीय जाँचो से संबंधित सूचना को देने से किया मना

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी 

सम्पूर्ण मामला यह हैं कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण कार्यालय देहरादून से MDDA के पूर्व VC वी.षणमुगम द्वारा विभागीय जाँचो संबंधी किये गये आदेशो तथा उनके सापेक्ष की गई कार्यवाहीयों के संबंध में 6 बिंदुओं की निम्नलिखित सूचनाये राज्यहित जनहित में विभागीय प्रमाण सहित मांगी गई ।


1- यह कि माननीय वी षणमुगम एमडीडीए के उपाध्यक्ष पद पर किस से किस दिनाँक तक नियुक्त रहे विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
2- यह कि माननीय वी षणमुगम द्वारा अपने कार्यकाल में जितनी भी विभागीय जाँच हेतु आदेश जारी किए गए विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
3- यह कि माननीय वी षणमुगम द्वारा अपने कार्यकाल में जाँच पश्चात कार्यवाही की गई समस्त की
विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
4- यह कि माननीय वी षणमुगम के एमडीडीए के उपाध्यक्ष पद से हटने के पश्चात उनके द्वारा जितने भी मामलों में जाँच हेतु आदेश किये थे उनकी वर्तमान स्थिति समस्त सूचना विभागीय प्रमाण सहित उपलब्ध करवाए ।
5- यह कि एमडीडीए में उपाध्यक्ष पद पर रहने की समयावधि विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
6- यह कि राज्य गठन से वर्तमान तक एमडीडीए में जितने भी उपाध्यक्ष रहे उनके नाम तथा नियुक्ति अवधि विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए ।
सूचना पत्र प्राप्त होने के बाद लोक सूचना अधिकारी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण अनुसचिव अनुजा सिंह ने 6 बिंदुओं में से मात्र 3 बिंदुओं 1,5 तथा 6 की सूचनाये तो उपलब्ध करवा दी जो कि MDDA के उपाध्यक्षों की नियुक्ति आदि से सम्बंधित हैं l
सुचना के बाकी 3 बिंदु 2,3 और 4 जो MDDA के पूर्व वी.सी. के लगभग दो माह के कार्यकाल के समय में वी.सी. वी. षणमुगम द्वारा विभागीय जांचो सम्बन्धी किये गये आदेशों और कार्यवाही से जुड़े हुए हैं की सूचनाओं में स्पष्ट रूप से बाधा पहुंचाते हुए उपलब्ध नहीं करवाई ।
बिंदु संख्या 2 में सूचना मांगी गई थी कि पूर्व वीसी षणमुगम द्वारा अपने कार्यकाल में जितनी भी विभागीय जांच हेतु आदेश जारी किए गए उसकी विभागीय प्रमाण सहित सूचना मांगी गई थी परंतु लोक सूचना अधिकारी अनुजा सिंह ने सूचना के अधिकार में पूर्ण रूप से बाधा पहुंचाते हुए उत्तर दिया कि चाही गई सूचना इस रूप में संकलित नहीं है विभागीय जांच के संबंध में व्यक्ति विशेष का उल्लेख करना होगा शायद ऐसा प्रतीत होता है अनुजा सिंह जानबूझकर इस बिंदु की सूचना में बाधा पहुंचा रही हैं क्योंकि मेरे द्वारा स्पष्ट रूप से अपने प्रश्न में अंकित किया गया है कि वीसी द्वारा अपने कार्यकाल में जितनी भी जांच हेतु आदेश किए गए उन समस्त की सूचना उपलब्ध कराई जाए ।
बिंदु संख्या 3 में सूचना मांगी गई थी कि पूर्व वीसी षणमुगम द्वारा अपने कार्यकाल में जाँच पश्चात जितने भी मामलों में कार्यवाही की गई विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए परंतु लोक सूचना अधिकारी अनुजा सिंह ने सूचना के अधिकार में पूर्ण रूप से जानबूझकर बाधा पहुंचाते हुए उत्तर दिया कि चाही गई सूचना इस रूप में संकलित /संरक्षित नही है।
बिंदु संख्या 4 में सूचना मांगी गई थी कि पूर्व वीसी वी षणमुगम के एमडीडीए के उपाध्यक्ष पद से हटने के पश्चात उनके द्वारा जितने भी मामलों में जांच हेतु आदेश किए थे उनकी वर्तमान स्थिति की सूचना विभागीय प्रमाण सहित उपलब्ध कराएं परंतु लोक सूचना अधिकारी अनुजा सिंह ने सूचना के अधिकार में पूर्ण रूप से जानबूझकर बाधा पहुंचाते हुए उत्तर दिया कि चाही गई सूचना इस रूप में संकलित /संरक्षित नही है।


बड़ा सवाल यह हैं कि आख़िर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में लगभग 2 माह कार्यरत रहे पूर्व VC वी षणमुगम द्वारा जितने भी विभागीय जांच के आदेश तथा उनके सापेक्ष की गई कार्यवाही तथा पूर्व VC वी षणमुगम के एमडीडीए के उपाध्यक्ष पद से हटने के बाद उनके द्वारा की गई जांच और उन जाँचो से संबंधित कार्यवाही आदि की वर्तमान स्थिति से संबंधित सूचनायें क्यों छुपाई जा रही हैं ।
साथ ही एक बात और वरिष्ठ आईएएस वी षणमुगम एक बहुत ही ईमानदार अधिकारी के रूप में विख्यात है शायद उनके द्वारा की गई जांच और कार्रवाई से घबरा कर दो माह में ही एमडीडीए से उन्हें विदा कर दिया गया। एमडीडीए की अनुसचिव लोक सूचना अधिकारी अनुजा सिंह की इस संबंध में सूचना आयोग में शिकायत और पूर्व VC वी षणमुगम द्वारा उनके कार्यकाल में की गई जांच कार्यवाही आदि को MDDA के अधिकारियों द्वारा छुपाने के संबंध में कार्यवाही हेतु अन्य अथॉरिटीज में जनहित राज्यहित में शिकायत की जा रही है।