देहरादून। आधुनिक मदरसों के पाठ्यक्रम में भगवान राम के बारे में पढ़ाए जाने की चर्चा तेज हो रही है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के तहत संचालित मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे अब भगवान श्रीराम की कहानी भी पढ़ेंगे। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बृहस्पतिवार को इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मार्च में शुरू होने वाले सत्र में नए पाठयक्रम को लागू किया जाएगा।
शादाब शम्स ने कहा कि आधुनिक मदरसों में औरंगजेब के बारे में नहीं पढ़ाया जाए, बल्कि भगवान राम और नबी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। शादाब शम्स ने इस बात को भी स्वीकार किया कि हमारा डीएनए भगवान राम से मेल खाता है। उन्होंने खुलकर कहा कि हम हिंदुस्तानी हैं।
शादाब शम्स ने कहा- श्रीराम का किरदार ऐसा है, जिसे लोग फॉलो करते हैं। कोई भी पिता श्रीराम जैसी ही औलाद चाहेंगे, जो अपने वालिद के लिए राज-पाठ छोड़ दे। छोड़कर कहे कि मैं वनवास के लिए जा रहा हूं। मेरे पिता के वचन को निभा रहा हूं।
उन्होंमे लक्ष्मण का जिक्र करते हुए कहा कि उनके जैसा भाई कौन नहीं चाहेगा? ऐसा भाई जो कहे कि मेरे भाई सब कुछ छोड़कर जा रहे हैं, तो मैं भी सब त्याग दूंगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या औरंगजेब जैसा भाई चाहिए किसी को, जो गर्दन काट दे।
ऐसा बेटा कौन पसंद करेगा, जो राजपाठ के लिए अपने पिता को सलाखों के पीछे डाल दे। हम औरंगजेब नहीं पढ़ाएंगे। हम बच्चों को श्रीराम पढ़ाएंगे। हम अपने नबियों को मोहम्मद साहब को पढ़ाएंगे। हम हिंदी हैं।