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मांडू विधानसभा सीट पर जयराम महतो की पार्टी ने बिगाड़ा कांग्रेस का गेम

मांडू विधानसभा सीट पर जयराम महतो की पार्टी का जादू नहीं चल सका और इस सीट पर आजसू पार्टी ने बाजी मार ली। हालांकि, इस सीट पर अंतिम मिनट तक कांग्रेस और आजसू के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। दोनों पार्टी के उम्मीदवार मिनट टू मिनट एक दूसरे को पछाड़ते दिखे। कभी आजसू के उम्मीदवार आगे तो कभी कांग्रेस के उम्मीदवार आगे।

वैसे तो चुनाव के मैदान में कुल 18 प्रत्याशी हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला आइएनडीआइए गठबंधन के कांग्रेस के प्रत्याशी जेपी पटेल व एनडीए गठबंधन के आजसू प्रत्याशी तिवारी महतो के बीच मना जा रहा। हालांकि जेएलकेएम के बिहारी महतो ने इसे त्रिकोणीय बनाने का भरपूर प्रयास किया है। जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा यह तो 23 को मतगणना के दिन ही पता चलेगा।

लेकिन दोनो दलों के प्रत्याशी व समर्थक जीत-हार के आकलन में जुट गए है। विधानसभा क्षेत्र के चौक चौराहों पर जीत-हार की चर्चा का बाजार गर्म है। पूरे विधानसभा में इस बात पर जोर-शोर से चर्चा हो रही है कि जेएलकेएम को कितना वोट मिलेगा।
चुनावी पंडितों के अनुसार जेलकेएम की वोटो में सेंधमारी इस चुनाव में जीत-हार का नतीजा तय करेगी। अगर जेएलकेएम ज्यादा वोट आइएनडीआइए के प्रत्याशी जेपी पटेल का काटा तो एनडीए के तिवारी महतो की नैया पार लग सकती है। वहीं तिवारी महतो के वोट में सेंधमारी हुई तो जेपी पटेल फिर परचम लहरा सकते है।

कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि जेएलकेएम आजसू के वोट में सेंधमारी की है। वहीं आजसू समर्थकों का कहना है कि बिहारी महतो ने कांग्रेस का वोट काटा है। साथ ही डा. नजीर ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचने की चर्चा है। हालांकि विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंड मांडू,चुरचू, डाडी, विष्णुगढ़ व टाटी झरिया के ग्रामीण इलाकों में कैची का भरपूर जोर-शोर दिखा। वैसे पूरे विधानसभा क्षेत्र में कहीं फल फूल का शोर था तो कहीं तीर-धनुष के साथ पंजा का जोर दिखा। मतलब साफ है कि मुकाबला कड़ा है। कोई भी बाज़ी मार सकता है।
आजसू व कांग्रेस दोनों को अपने-अपने वोट बैंक पर है भरोसा
मांडू विधानसभा के कुल पांच प्रखंड मांडू, चुरचू, डाड़ी, विष्णुगढ व टाटी झरिया के कुल 570 बूथों में 4 लाख 30 हज़ार 990 मतदाता है। आजसू के साथ भाजपा-जदयू व कांग्रेस के साथ झामुमो, माले, राजद का अपना-अपना वोट बैंक है। एक ओर जहां बड़ा वोट बैंक मुस्लिम, आदिवासी वोटर कांग्रेस के साथ दिखते है, तो वहीं वैश्य वोटों का बड़ा तबका एनडीए साथ दिखता है। दोंनो को अपने-अपने वोट बैंक पर पूरा भरोसा है।
साथ ही एनडीए व अइएनडीआइए के कैडर वोट भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि रेस में शामिल तीनो प्रत्याशी एक ही जाति कुर्मी से आते है।ऐसे में कि कुर्मी-कोयरी(महतो) वोट पर सबकी निगाहें है। जो इस जाति का बड़ा वोट अपनी ओर तब्दील करने में कामयाब रहा उसकी जीत पक्की है।अब देखना लाजमी होगा कि जेएलकेएम के वोट से किसका खेल बिगड़ेगा या बनेगा। यह तो समय बताएगा।