एक्सक्लूसिव

हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत मामलें में दिये सीबीआई जाँच के आदेश ओर लापरवाही पर एसएसपी,सीओ नैनीताल का ट्रांसफर

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

सब जेल हल्द्वानी में हुई मौत पर हाईकोर्ट गंभीर, जेल के गार्ड्स पर ही लगाये थे मृतक के परिजनों ने गंभीर आरोप, परिजनों का आरोप है कि नैनीताल पुलिस ने नहीं लिखी उनकी एफआईआर ।
मृतक के परिजनों की पुलिस में जब नहीं हुई सुनवाई तो उन्होंने सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी, नैनीताल का दरवाजा खटखटाया।
सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी, नैनीताल ने परिजनों की शिकायत एसएसपी नैनीताल को फारवर्ड की। लेकिन एसएसपी नैनीताल ने एफआईआर दर्ज करने से यह कहते हुए मना कर दिया की मजिस्ट्रेट इन्क्वारी चल रही है।

हाईकोर्ट ने अपने आर्डर में कहा की “Before the Court proceeds to pass any order with regard to the conduct and sensitivity of SSP. Nainital to deal such issues, the Court would like to give an opportunity to SSP. Nainital to submit the following information:
1. Under what provision of law the Magisterial inquiry : was being conducted?
2 Which provision of law bars lodging of FIR in the case of allegations of custodial death during
pendency of Magisterial inquiry?
3 Under what provision of law, the SSP. Nainital got inquiry conducted from CO, Haldwani?
4 Did CO, Haldwani record the statement of the Doctorwho observed injuries on the person of the deceased?
5 Did CO, Haldwani recorded the statement of the Doctor with regard to the nature of injuries etc.?
6 How it was considered appropriate and lawful by the SSP. Nainital to get an inquiry conducted through CO, when Magestrial enquiry was already underway and when the SSP, Nanital declined to lodge the FIR on the ground that the Magestrial enquiry is underway.

7 What is the response of the Police Constables Stationed at Kotwali Haldwani on 15.03.2021, from. whom, the CO Haldwani sought explanation with regard to receipt of the report from the petitioner?
इससे पहले कि न्यायालय एसएसपी के आचरण और संवेदनशीलता के संबंध में कोई आदेश पारित करे। एसएसपी को एक मौका देना चाहेगी ओर एसएसपी नैनीताल को निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत करने अपना पक्ष दिनाँक 20-7-2021 तक रखने के लिए कहा गया:
1. कानून के किस प्रावधान के तहत मजिस्ट्रियल जांच की जा रही थी?
2 कानून के कौन से प्रावधान के दौरान हिरासत में मौत के आरोपों के मामले में मजिस्ट्रियल जांच लंबित होने के दौरान प्राथमिकी दर्ज करने पर रोक है ?
3 किस कानून के तहत एस.एस.पी. नैनीताल ने सीओ हल्द्वानी से कराई जांच?
4 क्या सीओ, हल्द्वानी ने उस डॉक्टर का बयान दर्ज किया जिसने मृतक के व्यक्ति पर चोटें देखीं?
5 क्या सीओ हल्द्वानी ने चोट आदि की प्रकृति के संबंध में डॉक्टर का बयान दर्ज किया था?
6 एसएसपी द्वारा इसे किस प्रकार उचित और वैध माना गया। नैनीताल को सीओ के माध्यम से जांच कराने के लिए, जब मजिस्ट्रियल जांच पहले से ही चल रही थी और जब एसएसपी, नैनीताल ने इस आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया कि मजिस्ट्रियल जांच चल रही है।
7 दिनांक 15-3-2021 को कोतवाली हल्द्वानी में तैनात पुलिस आरक्षकों की क्या प्रतिक्रिया है? किससे, सीओ हल्द्वानी ने याचिकाकर्ता से रिपोर्ट प्राप्त होने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा?

उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए जवाब से कोर्ट आज सन्तुष्ट नही हुई।
हाईकोर्ट नैनीताल के न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने जेल में बंद कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए कैदी की मौत के मामले में सीबीआई जांच के आदेश जारी किए हैं वहीं कोर्ट ने मामले में लापरवाही बरतने पर एसएसपी नैनीताल सीओ सिटी हल्द्वानी के तत्काल स्थानांतरण के आदेश दिए हैं। वही हाईकोर्ट ने जेल के चार बंदी रक्षकों के तबादले भी जिले से बाहर करने के आदेश दिए हैं।

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