देहरादून: प्रदेश में भारी वर्षा का दौर कुछ थम गया है। गुरुवार को दून समेत आसपास के क्षेत्रों में चटख धूप खिली और पारा चढ़ने से चिलचिलाती गर्मी महसूस की गई। इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल मंडराते रहे। मौसम विभाग के अनुसार दून में आज शुक्रवार को कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है।
बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर बंद
चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा आने से बंद पड़ा हुआ है। जिससे मार्ग पर कई यात्री विभिन्न पड़ावों पर रुके हुए हैं और मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। गैरसैंण के कालीमाटी में सड़क का एक हिस्सा बह गया है। जिससे यहां आवाजाही बाधित हो गई है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंन्दप्रयाग व पाताल गंगा में बंद है। हाईवे पीपलकोटी और छिनका में भी मलबा आने से अवरुद्ध था। जिसे खोल दिया गया। जिले में गुरुवार रात को बारिश होने के बाद आज शुक्रवार को मौसम साफ बना हुआ है।
केदारनाथ यात्रा सुचारु
रुद्रप्रयाग जिले में 22 मोटर मार्ग अवरूद्ध चल रहे हैं। जिससे 42 गांवों का संपर्क कटा हुआ है। जनपद में अभी मौसम साफ है। केदारनाथ के लिए 750 यात्री सुबह दस बजे तक सोनप्रयाग से रवाना हुए हैं।
आज से फिर तल्ख हो सकते हैं माैसम के तेवर
दून में चटख धूप ने पसीने छुड़ा दिए। गुरुवार को दून का अधिकतम पारा 36 डिग्री सेल्सियस के करीब रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक है। इसके अलावा मौसम शुष्क होने से शहर की सड़कों पर धूल उड़ती रही। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के दोबारा सक्रिय होने के कारण आज से फिर माैसम के तेवर तल्ख हो सकते हैं।
उत्तराखंड में मौसम के तेवर कुछ नरम पड़े हैं। ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादलों से लेकर चटख धूप खिली। ऐसे में तापमान में भी भारी इजाफा दर्ज किया गया। हालांकि, आज प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है।
इन सात जिलों में भारी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार देहरादून, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख मार्ग बंद
सीमांत धारचूला में वर्षा थम चुकी है और दिनभर चटक धूप खिली रही। चीन सीमा से लगे व्यास घाटी अभी भी अलग-थलग पड़ी है। चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग तीन स्थानों पर बंद है। चीन सीमा से लगे व्यास घाटी के सात उच्च हिमालयी गांवों का संपर्क भंग है।
पिथौरागढ़-तवाघाट, तवाघाट-सोबला- दारमा मार्ग खुल चुके हैं। इन मार्गों के खुलने से सीमांतवासियों को कुछ राहत मिली है। जिले में अभी भी नौ ग्रामीण मार्ग बंद हैं। 50 हजार से अधिक की आबादी को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
भारी वर्षा के कारण बढ़े 130 नए भूस्खलन संभावित क्षेत्र
प्रदेश में इस वर्षाकाल में लगातार हो रही तेज वर्षा के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह नए भूस्खलन संभावित क्षेत्र बन गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने हाल ही में किए गए सर्वें में पूरे प्रदेश में 333 भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित किए हैं। इनमें सबसे अधिक 96 टिहरी जिले में हैं। इसे देखते हुए विभाग ने इन सभी क्षेत्रों के निकटवर्ती लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों को सचेत करते हुए यहां पर्याप्त संख्या में कर्मचारी, जेसीबी मशीन व अन्य उपकरण तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
जिलेवार भूस्खलन संभावित क्षेत्र
टिहरी- 96
अल्मोड़ा- 95
रुद्रप्रयाग- 33
चमोली 27
पौड़ी- 22
नैनीताल- 15
बागेश्वर- 14
देहरादून- 14
पिथौरागढ़- 04
चंपावत- 03
हरिद्वार – 03