भीषण अग्निकांड में बृहस्पतिवार को चार मासूम जल कर राख हो गए। परिजनों को उनके शव तक नसीब नहीं हुए। आग का मंजर बेहद खौफनाक था। स्थिति यह थी कि कोई भी आग की लपटों में घिरे मासूमों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हर कोई भीषण आग के आगे बेबस नजर आया।
बच्चों को न बचा पाने का दर्द स्थानीय लोगों की आंखों में साफ दिखाई दिया। शाम करीब चार बजे अचानक तेज धमाके के साथ मकान में आग भड़क गई। पहले धमाके की आवाज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी। आशंका जताई जा रही है कि यह धमका घरेलू गैस सिलिंडर फटने के कारण हुआ, जिसकी वजह से चंद मिनटों में मकान के सबसे ऊपर की मंजिल भीषण आग की चपेट में आ गई।
देखते ही देखते दूसरा धमका हो गया। इससे पहले की लोग मदद करने की हिम्मत जुटाते तीसरा धमका भी हो गया। चौथे धमाके के साथ पूरा त्यूनी बाजार दहल गया। हर कोई धमाकों की आवाज सुनकर घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा।
सभी धूं-धूं कर जलते घरों को बेबस देखते नजर आए। स्थानीय लोगों ने टौंस नदी के रास्ते घर तक पहुंचने की भी कोशिश की, लेकिन तेज लपटों के चलते वे घर तक नहीं पहुंच पाए।
जेसीबी की मदद से भी मकान के ऊपर के हिस्से को तोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन तपिश और धमाकों के चलते जेसीबी ऑपरेटर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
इनकी हुई मौत
गुंजन (10) पुत्री त्रिलोक निवासी जाकटा, त्यूनी
रिद्धी (10) पुत्री जयलाल निवासी बिकताड़, हिमाचल प्रदेश
अदिरा उर्फ मिष्ठी (6) पुत्री विक्की चौहान निवासी पटाला, त्यूनी
सेजल (3) पुत्री विक्की चौहान निवासी पटाला, त्यूनी
आग लगने की घटना में सबसे बड़ी कमी फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली में दिखाई दी। आग लगने वाले स्थान से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर अग्निशमन वाहन मौजूद था, जो सूचना मिलने के ठीक बीस मिनट में मौके पर पहुंच गया। लेकिन जैसे ही मकान पर पानी डालने की कार्रवाई शुरू की गई, वाहन में पानी खत्म हो गया।