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14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन, विधायक उमेश कुमार के ऑफ‍िस पर फ‍िर हुई फायरिंग

हरिद्वार। रिमांड अवधि पूरी होने पर पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन गुरुवार को कोर्ट में पेश किए गए। जहां उनकी रिमांड अवधि पर सुनवाई के बाद फैसला किया गया।कोर्ट ने चैंपियन की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन और बढ़ा दी। हत्या के प्रयास की धारा गैर इरादतन हत्या के प्रयास की धारा में तरमीम होने को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। चैंपियन को वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया है।

खानपुर विधायक उमेश कुमार के आवासीय कार्यालय पर फ‍िर से फायरिंग

वहीं रुड़की गंग नहर पटरी स्थित खानपुर विधायक उमेश कुमार के आवासीय कार्यालय पर गुरुवार तड़के करीब 3:30 बजे बाइक सवार दो बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग कर दी। जिससे मौके पर दहशत मच गई। फायरिंग करने के बाद आरोपित फरार हो गए।पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हुआ है। इस मामले में खानपुर विधायक के निजी सहायक जुबेर काजमी ने पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है।

यह था मामला

गणतंत्र दिवस पर रुड़की में खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर फायरिंग और समर्थकों से मारपीट के मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को देहरादून से गिरफ्तार किया था।चैंपियन परिवार के नौ असलहों के लाइसेंस निलंबित

हरिद्वार: रुड़की गोलीकांड के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल की ओर से भेजी गई रिपोर्ट पर जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह व उनके स्वजनों के नाम कुल नौ असलहों के तीन लाइसेंस निलंबित कर दिए।

पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह के लाइसेंस पर एक दोनाली रायफल, एक पिस्टल व एक रिवाल्वर दर्ज है। उनकी पत्नी सुभद्रा उर्फ रानी देवयानी सिंह के नाम पर दो पिस्टल व एक दोनाली बंदूक दर्ज है। जबकि बेटे कुंवर दिव्य प्रताप सिंह के नाम पर दो रिवाल्वर व क बंदूक शामिल है।

करीब तीन साल पहले चैपियन का हथियारों के साथ एक वीडियो प्रसारित होने के बाद उनके परिवार के पांच असलहों के लाइसेंस निलंबित किए गए थे। बाद में लाइसेंस बहाल कर दिए गए थे। इस बार गोलीकांड के चलते लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।

आचार संहिता में असलहों पर सवाल

हरिद्वार: गोलीकांड से एक दिन पहले ही निकाय चुनाव परिणाम आने पर चुनाव आचार संहिता खत्म हुई है। चर्चाएं हैं कि सभी असलहे पहले से ही चैंपियन व उनके स्वजनों के पास मौजूद थे। जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि पुलिस ने चुनाव के दौरान अभियान चलाकर आमजन के लाइसेंस नजदीकी थाने कोतवाली में जमा कराए तो चैंपियन परिवार के असलहे क्यों छोड़ दिए गए।

एसपी देहात का कहना था कि लाइसेंसधारक की जीवन सुरक्षा का ख्याल आचार संहिता में भी रखा जाता है। हालांकि, उन्होंने असलहे जमा कराने या नहीं कराने को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।