देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर जिम कार्बेट अभयारण्य की पाखरो रेंज में पेड़ कटान, अवैध निर्माण और जमीन धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत व उनकी बहू अनुकृति गुसांई को समन भेजकर पूछताछ के लिए 29 फरवरी को ईडी मुख्यालय पहुंचने को कहा है।
जमीन धोखाधड़ी में पूर्व वन मंत्री की संलिप्तता का जिक्र
जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में ईडी ने बिरेंद्र सिंह कंडारी व अन्य पर पूर्व में दर्ज मुकदमे की एफआइआर को जांच को आधार बनाया है। जमीन की धोखाधड़ी में पूर्व वन मंत्री की संलिप्तता का जिक्र किया गया है। वहीं, दूसरा मामला कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अवैध निर्माण के मामले में सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद, तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी और अन्य पर दर्ज एफआइआर से जुड़ा है।
इस प्रकरण में भी पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को घोटाले में संलिप्त बताया गया है। ईडी की जांच में सामने आया था कि पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने नरेंद्र वालिया के साथ मिलकर साजिश करते हुए दो पावर आफ अटार्नी तैयार की। जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इस जमीन को अवैध तरीके से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह को बेचना दिखाया गया। इसी जमीन पर श्रीमती पूर्णा देवी ट्रस्ट के अंतर्गत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया है।