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शंभू बॉर्डर से किसानों का आज दिल्ली कूच, अलर्ट मोड पर पुलिस

चंडीगढ़। किसानों का पहला जत्था आज दिल्ली कूच के लिए रवाना होगा। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में 101 किसान शुक्रवार दोपहर एक बजे पटियाला-अंबाला की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर से पैदल दिल्ली कूच करेंगे।

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पहले जत्थे में 101 किसान जाएंगे। इसका नाम ‘मरजीवड़ा जत्था’ रखा गया है। इसमें शामिल किसान हर परिस्थिति में आगे बढ़ेंगे और जान देने के लिए भी तैयार रहेंगे।

सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए’

किसान प्रदर्शन पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए। उनसे बातचीत करनी चाहिए। किसान इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं।

शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान मौजूद

शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान मौजूद हैं। किसान आज दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे।

गीले रुमाल लेकर जाएंगे किसान

हरदोझंडे ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली कूच करेंगे। पहले जत्थे में किसान गीले रुमाल लेकर जाएंगे, ताकि पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया तो बचा जा सके।

सांसदों के घरों के बाहर भूख हड़ताल करेंगे किसान

किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने कहा कि नौ दिसंबर को कर्नाटक व तेलंगाना में 100-100 किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उसी दिन किसान आंदोलन के 300 दिन पूरे होने पर पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों में किसान सांसदों के घरों के बाहर 12 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

किसानों के लिए लगा दी धारा-144

किसान नेता ने कहा कि पहले हमें कहा गया कि पैदल दिल्ली जाएं और अब अंबाला के डीसी ने हमें नोटिस भेज दिया कि हरियाणा में धारा-163 (पुरानी धारा-144) लागू है। आप नहीं जा सकते। वहां सब कुछ सामान्य है, लेकिन देश के किसान-मजदूर के लिए धारा-163 लगा दी।

‘अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर जैसे हालात’

किसान नेता ने कहा कि किसानों को रोकने के लिए अंबाला में ड्रोन से पुलिस की ट्रेनिंग हो रही है। यहां पर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर जैसे हालात हैं। सरकार का यह तानशाही रवैया है। उन्होंने कहा कि शंभू में वीरवार को आंदोलन के 297 दिन हो गए। हम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीद के कानूनी गारंटी, किसान-मजदूर की कर्ज माफी और अन्य 12 मांगों के लिए पूरे देश के किसानों व मजदूरों के हित में आंदोलन कर रहे हैं।