खुलासा

एक्सक्लूसिव खुलासा: आईएएस सौरव जैन और एमडीडीए के बीच प्लॉटो के अवैध क्रय विक्रय का संगम साथ ही सौरव जैन ने सरकारी सड़क कब्जा आमजनता का लूटा, सुखचैन।

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी 

केरल कैडर के मशहूर आई.ए.एस.अधिकारी श्री सौरभ जैन ने सन 2009 में उत्तराखंड शासन में अपर सचिव आवास के पद पर रहते हुए एमडीडीए अधिकारियों पर अपना रौब झाड़ कर या समझो मिलीभगत कर मिलनविहार,जीएमएस रोड देहरादून में दो प्लाट अपने नाम रजिस्ट्री करवा लिए थे 197 मीटर व 183 मीटर के ये पॉश कालोनी के प्लॉट एमडीडीए ने कौड़ियों के भाव आई.ए.एस. अधिकारी के नाम विक्रय पंजीकृत कर दिए थे। परंतु एमडीडीए द्वारा उक्त प्लाटों को खुले बाजार में बोली लगाकर या बाजारी मूल्य जो लगभग 18 से ₹20,000 प्रति वर्ग की दर से भी विक्रय किया जा सकता था परंतु मिलीभगत के कारण ना तो एमडीडीए ने खुले बाजार से कोई आवेदन मांगा ना ही कोई बोली लगाई गई बल्कि आई.ए.एस.की हनक के आगे नतमस्तक एमडीडीए ने उक्त प्लाटों को मात्र 3980/-रु प्रति वर्ग गज की दर से लाखों रुपए की पगार पाने वाले आई.ए.एस. के चरणों में निछावर कर दिए।
केरल कैडर के इस आई.ए.एस.पर इतनी दरियादिली एमडीडीए के संपत्ति अधिकारियों ने दिखाई की विक्रय विलेख में सर्किल रेट तक का जिक्र नहीं किया गया है, गुपचुप तरीके से किए गए हस्तांतरण को रजिस्ट्री में आवंटन लिखा गया करोड़ों रुपए प्रति बीघा की दर वाली जमीन को मात्र छत्तीस लाख रुपए प्रति बीघा की दर के हिसाब से आई.ए.एस. बाबू को भेंट कर दिया गया साथ ही 380 वर्ग मीटर के इन दोनों भूखंडों को मात्र ₹32873/- में एमडीडीए द्वारा फ्रीहोल्ड भी कर दिया गया।
वर्ष 2009 में यह प्लॉट एमडीडीए ने 30 फुट की सड़क छोड़कर आवंटित किए थे वर्ष 2009 में ही प्लॉट की चारदीवारी भी कर दी गई थी।
अब एकाएक 20 जनवरी 2020 को श्री सौरभ जैन जो आजकल दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर हैं ने 30 फुट सड़क के कुछ भाग पर दीवार पर अपना कब्जा कर प्लाट में सम्मिलित कर लिया है। सड़क कब्जाने की शिकायत जब कॉलोनी वासियों ने वसंत विहार थाने में की तो पुलिस वालों ने भी आइ.ए.एस. के रोब के आगे कॉलोनी वासियों को न्यायालय की शरण में जाने की सलाह देकर पल्ला झाड़ लिया।
बेबस होकर 29 जनवरी 2020 को कॉलोनी वासियों ने मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखकर उसे सीएम पोर्टल पर डालकर अपना रोना रोया है कॉलोनी वासियों का कहना है कि उत्तराखंड के युवाओं व फौजियों को यहां के संसाधनों का लाभ मिलने के बजाय केरल से आए इस आई.ए.एस. को प्लाट की एमडीडीए द्वारा बंदरबांट के किस्से पर हर कोई हैरान है।
सी.एम. पोर्टल पर शिकायत डालने के बाद कॉलोनी वासियों को उम्मीद तो जगी थी परन्तु एमडीडीए ने आज तक आई.ए.एस. द्वारा अवैध रूप से बनाई गई दीवार को ध्वस्त नहीं किया है। अब देखना यह है कि निर्धारित सर्कल रेट से कम दरों पर एमडीडीए द्वारा आवंटित भूखंड जीरो टोलरेंस वाले मुख्यमंत्री महोदय द्वारा या प्लाट को सरकार में निहित किया जाएगा और पद का दुरुपयोग करने वाले इस दबंग आई.ए.एस. अधिकारी पर कब कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एमडीडीए की आईएएस सौरभ जैन के साथ संगम की कुछ झलकियां ‘ ।
1- जब ट्रांसपोर्ट नगर में दुकानों के प्लॉट भी सर्किल रेट से अधिक मुनाफे पर बेचे गए तो आई.ए.एस. को सर्किल रेट से भी कम पर क्यों 2 प्लॉट दिये गये ?
2- एमडीडीए ने प्लॉट बेचने के लिए सार्वजनिक विज्ञप्ति क्यों नहीं प्रकाशित की गुपचुप प्लॉट क्यों बांट दिये ?
3- प्लॉट के बाद 10 फीट का रास्ता जब आई.ए.एस. सौरभ जैन ने क़ब्जाया तो एम.डी.डी.ए. एतराज क्यों नहीं किया ?
4- कालोनी वासियों के विरोध के बावजूद पुलिस प्रशासन ने तथा अतिक्रमण हटाने वाली टीम ने आई.ए.एस. सौरभ जैन का साथ क्यों दिया?