देहरादून : प्रदेश में सरकारी व सहायताप्राप्त डिग्री कालेजों में अध्ययनरत एक लाख छात्र-छात्राओं की डिजिटल हेल्थ आइडी तैयार की जाएगी।
उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य, दोनों विभाग मिलकर इस योजना को अंजाम तक पहुंचाएंगे। वहीं प्रत्येक डिग्री कालेज वर्ष में एक बार रक्तदान शिविर का अनिवार्य आयोजन करेंगे।
स्वास्थ्य और बीमारियों का ब्योरा उच्च शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध रहेगा
प्रदेश में 119 सरकारी डिग्री कालेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य और बीमारियों का ब्योरा उच्च शिक्षा विभाग के पास डिजिटली उपलब्ध रहेगा। सरकार की इस योजना से विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं को अधिक लाभ मिलेगा।
विद्यार्थियों के रक्त की जांच भी कराएगा विभाग
उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इस संबंध में दोनों विभागों को मिलकर काम करने के निर्देश दिए हैं। उच्च शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों के रक्त की जांच भी कराएगा। इससे रक्त की कमी समेत रक्त संबंधी और रक्त की जांच के माध्यम से अन्य बीमारियों का भी पता चल सकेगा।
विभागीय मंत्री डा. रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य एवं रक्त की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की सहायता ली जाएगी। इस संबंध में दोनों विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इस जांच के आधार पर बनने वाली डिजिटल हेल्थ आइडी उच्च शिक्षा के साथ ही अभिभावकों के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
प्रत्येक वर्ष में एक बार रक्तदान शिविर आयोजित करेंगे
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी डिग्री कालेज प्रत्येक वर्ष में एक बार रक्तदान शिविर आयोजित करेंगे। प्रदेश में 119 सरकारी डिग्री कालेज, 21 सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेज और 275 अन्य निजी उच्च शिक्षण संस्थान हैं। इनमें रक्तदान शिविर लगने से प्रत्येक वर्ष रक्त की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे गंभीर रूप से बीमार रोगियों की रक्त उपलब्ध नहीं होने से मृत्यु को भी रोकने में सहायता मिलेगी।