वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी भी इन राशनकार्डधारकों को तीन रसोई गैस सिलेंडर निश्शुल्क उपलब्ध कराए गए। मंत्रिमंडल ने इसे वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं वर्तमान सरकार के कार्यकाल की अवधि वर्ष 2027 तक निरंतर जारी रखने को स्वीकृति दी।
हरिद्वार में हेलीपोर्ट निर्माण को स्वीकृति
मंत्रिमंडल ने अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में हरिद्वार के सिडकुल में हेलीपोर्ट निर्माण को स्वीकृति दी। हेलीपोर्ट के लिए सिडकुल की बंसोवाली स्थित 8092 वर्गमीटर भूमि चिह्नित की गई है। इस वर्तमान में निर्धारित मूल्य 10.51 करोड़ है। इस भूमि को निश्शुल्क नागरिक उड्डयन विभाग को हस्तांतरित करने के संबंध में निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। मंत्रिमंडल ने सिविल न्यायालय विकासनगर के पास पछवादून बार एसोसिएशन को एक रुपये प्रतिवर्ष की दर से 358 वर्गमीटर भूमि 30 साल की लीज पर देने का निर्णय लिया है। इस भूमि पर अधिवक्ताओं के लिए चैंबर का निर्माण किया जाएगा।
परिवहन विभाग उठाएगा वीरता पुरस्कार पाने वालों का यात्रा खर्च
इस मद में विभाग की ओर से बजट की व्यवस्था की जाएगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट और वार्षिक लेखा विवरण के साथ ही 21 अगस्त, 2022 से 13 जनवरी, 2024 तक अधिसूचित विनियमों को आगामी विधानसभा सत्र में रखने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी।
अगले सत्र से पांच मेधावी ब्रिटेन में लेंगे उच्च शिक्षा
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शेवेनिंग छात्रवृत्ति योजना के संचालन पर मुहर लगा दी। योजना के अंतर्गत प्रदेश के पांच मेधावी छात्र-छात्राओं को ब्रिटेन में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा। इस योजना के संबंध में 14 अगस्त, 2024 को फारेन कामनवेल्थ एंड डेवलपमेंट आफिस, ब्रिटिश हाई कमीशन कार्यालय नई दिल्ली और प्रदेश सरकार के बीच अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे। ब्रिटिश सरकार की इस वैश्विक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत मेधावी छात्रों में नेतृत्व क्षमता के विकास पर बल दिया जाता है।
राज्य के शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों परिसरों के अधिकतम पांच आवेदकों को प्रतिवर्ष किसी भी पाठ्यक्रम में एक वर्ष के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अध्ययन का अवसर होगा। इसे तीन शैक्षणिक सत्रों 2025 से 2028 तक संचालित किया जाएगा। प्रति छात्रवृत्ति 22 लाख यानी कुल 1.10 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा।इसमें से 42 से 46 लाख तक राशि ब्रिटेन वहन करेगा। शेष व्ययभार राज्य सरकार उठाएगी।