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नानकमत्ता फायरिंग में डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की मृत्यु

फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हुए डेरा प्रमुख सरदार तरसेम सिंह की खटीमा में इलाज के दौरान मौत हो गई है। गुरुवार सुबह दो बाइक सवार बदमाशों ने डेरे के बाहर तरसेम सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।

घटनास्थल और अस्पताल दोनों जगह डेरा समर्थकों की भीड़ जुटने लगी है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी भी मौके पर पहुंच गए हैं। घटना के विरोध में बाजार व स्कूल बंद हैं।

दो बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की

सरदार तरसेम सिंह डेरे से बाहर घूमने के लिए निकले थे। जहां पहले से घात लगाए दो बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें तरसेम सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

आनन फानन में उनके समर्थकों ने उन्हें खटीमा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी मृत्यु हो गई है। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिये पुलिस द्वारा टीमों का गठन कर दिया गया है और जल्द हमलावर गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।

बाबा बच्चन सिंह भी पहुंच रहे नानकमत्ता

गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा बच्चन सिंह भी नानकमत्ता पहुंच रहे हैं। अभी शव अस्पताल में ही है। उनके पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम होगा।

संकट के समय सेवा में तत्पर रहते थे डेरा प्रमुख

डेरा कार सेवा नानकमत्ता के प्रमुख तरसेम सिंह समाजसेवा व जनहित के कार्यों के लिए तत्पर रहते थे। डेरे की ओर से स्कूल, गुरुद्वारे में सेवा के अलावा तथा किसी तरह की आपदा के दौरान लंगर व अन्य राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य किया जाता है। बाबा तरसेम सिंह परिवार से अलग रह भक्ति व सेवा कार्य में जुटे रहते थे। गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में कार सेवा की देखरेख का जिम्मा बाबा तरसेम सिंह पर ही था।

एसआइटी का गठन करेगा पुलिस मुख्‍यालय

उत्तराखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एपी अंशुमान ने बताया कि नानकमत्ता गुरुद्वारा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के हत्यारों को पकड़ने के लिए एसटीएफ के साथ-साथ कई पुलिस टीमों को तैनात किया गया है। पुलिस मुख्यालय भी एक एसआइटी का गठन करेगा।

नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या मामले में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जारी बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा राज में डेरा प्रमुख भी सुरक्षित नहीं हैं। यह बाबा तरसेम की ही नहीं बल्कि कानून व्यवस्था की भी हत्या है। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था एकदम ध्वस्त है और अपराधियों का स्वर्णिम काल चल रहा है।