नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के दुकानदार अनीश ने कहा कि सब कुछ हिल रहा था। ग्राहक चिल्लाने लगे थे। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे झटके पहले कभी नहीं महसूस किए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप का केंद्र दिल्ली का धौला कुआं था।
इन वजहों से लगे तेज झटके
- शहर के भीतर भूकंप का केंद्र होने पर झटके अधिक तेज महसूस होते हैं। इसकी वजह यह है कि भूकंपीय तरंगों को मैदानी इलाके की अपेक्षा किसी संरचना या इमारत तक पहुंचने में कम दूरी तय करनी पड़ती है। इससे कंपन बढ़ जाता है और झटके काफी शक्तिशाली महसूस होते हैं।
- रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 थी। इतनी तीव्रता वाले भूकंप को मध्यम श्रेणी पर रखा जाता है। झटके के पीछे तीव्र झटकों की एक वजह यह थी कि भूकंप का केंद्र काफी ऊपर था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन से महज 5 किमी नीचे था। घनी आबादी और कम गहराई में केंद्र होने की वजह से झटके तेज थे।
- दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र IV में रखा जाता है। इस वजह से मध्यम से शक्तिशाली भूकंप का खतरा यहां हमेशा बना रहता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक विषेशज्ञों का मानना है कि उंची इमारतें अपनी डिजाइन की वजह से तेज हिलती हैं। इससे भी कंपन बढ़ता है। दिल्ली सक्रिय फॉल्ट लाइनों पर पड़ता है। इस वजह से यहां भूकंप अधिक आते हैं।
- पीएम ने की शांति की अपील
दिल्ली एनसीआर में तेज भूकंप के झटकों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने की अपील की। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सभी से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने और संभावित झटकों के लिए सतर्क रहने की अपील। अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।