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Bigbreaking:देहरादून फुट ओवरब्रिज मामले में दायर जनहित याचिका पर डीएम को नोटिस जारी,मांगा जवाब

भूपेन्द्र लक्ष्मी

देहरादून के तहसील चौक पर स्थित फुट ओवरब्रिज पर इसके उदघाटन के बाद से ही सात वर्षो के ताला लगा रखा हैं,जिस कारण लोग फुट ओवरब्रिज के बजाय अति व्यस्त सड़क से ही दूसरी पार जाते है तथा फुट ओवरब्रिज पर सिर्फ विज्ञापन चलते हैं और इन विज्ञापनों के हिसाब किताब का नही पता हैं कि पैसा सरकारी खाते में जा रहा हैं या किसी की जेब में।

सात साल पूर्व देहरादून के तहसील चौक पर लगभग 2 करोड़ रु की लागत से लोगों की सहूलियत हेतु फुट-ओवरब्रिज बनाया गया था।
यह कि इसके उदघाटन के बाद से ही सात वर्षो से इस फुट-ओवरब्रिज पर ताला लगा रखा हैं,जिस कारण लोग फुट ओवरब्रिज के बजाय अति व्यस्त सड़क से ही दूसरी पार जाते है तथा फुट ओवरब्रिज पर सिर्फ़ विज्ञापन चलते है और इन विज्ञापनों के हिसाब किताब का नही पता कि पैसा सरकारी खाते में जा रहा हैं या किसी की जेब में क्योंकि एमडीडीए के अधीक्षण अभियंता हरिशचंद्र सिंह राणा के अनुसार फुट ओवर ब्रिज के जिम्मेदारी प्राधिकरण के पास नहीं है फुट ओवरब्रिज पर विज्ञापन लगता है ऐसे में शायद इसकी जिम्मेदारी नगर निगम के पास होगी दूसरी ओर देहरादून नगर निगम के कर अधीक्षक विनय प्रताप सिंह का कहना है कि फुट ओवर ब्रिज पर विज्ञापन से निगम का कोई लेना देना नहीं है निगम की विज्ञापन साइट वहां पर नहीं है।

इस संवाददाता द्वारा इस राज्यहित, जनहित के मामले में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि मामला स्पष्ट रुप से आमजनता एवम् सरकारी धन से जुड़ा हुआ इसलिए उदघाटन के बाद से ही फुट ओवरब्रिज पर ताला क्यों लगा रखा हैं इसकी जांच करवाई जाए तथा उदघाटन के बाद से इस फुट ओवरब्रिज पर जितने भी विज्ञापन चलाए गए उसके हिसाब किताब की सम्पूर्ण रिपोर्ट राज्यहित जनहित में तलब करने की कृपा करें।
मानवधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किए गए कि शिकायतकर्ता द्वारा देहरादून के तहसील चौक पर स्थित फुट ओवरब्रिज पर इसके उदघाटन के बाद से ही सात वर्षो सेे ताला लगा रखा है जिसके कारण लोग फुट ओवरब्रिज के बजाय अति व्यस्त सड़क से ही दूसरी पार जाते है तथा फुट ओवरब्रिज पर सिर्फ विज्ञापन चलते हैं और इन विज्ञापनों के हिसाब किताब का नही पता हैं कि पैसा सरकारी खाते में जा रहा या किसी की जेब मे जाने से सम्बन्धित शिकायत प्रस्तुत की गयी है।
शिकायत की प्रति जिलाधिकारी देहरादून को भेज दी जाए कि वह इस पर अपनी आख्या चार सप्ताह के अन्दर दाखिल करें।

जिलाधिकारी देहरादून को जारी नोटिस में आयोग के अनुसचिव ने कहा है कि विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंप्रांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।