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उत्तराखंड में नए नकल विरोधी कानून के तहत शिकंजा कसना शुरू, उत्तरकाशी में पहला केस दर्ज हुआ

उत्तराखंड में नए नकल विरोधी कानून के तहत शिकंजा कसना शुरू हो गया है। रविवार को उत्तरकाशी में पहला केस दर्ज हुआ। सरकार और राज्य लोक सेवा आयोग ने चेतावनी दी थी कि पटवारी-लेखपाल भर्ती में पेपर लीक, पेपर की सील खुली होने जैसी अफवाह फैलाने वालों पर नए नकल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

रविवार को पटवारी-लेखपाल भर्ती की परीक्षा संपन्न होने के बाद सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से कई जगहों पर गड़बड़ी के आरोप लगे। किसी ने पेपर की सील खुली होना बताया तो किसी ने दूसरे कारण गिनाते हुए सवाल खड़े किए। इन सभी सूचनाओं के आधार पर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं। नए नकल कानून के तहत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

वहीं, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने कहा कि कुछ अभ्यर्थी प्रश्नपत्र की गोपनीयता के संबंध में संदेह और भ्रांतियां फैला रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र प्रेस से बॉक्स में सील किया जाता है। बक्सों में लिफाफों में (पाली बैग्स) प्रश्नपत्र शील्ड होते हैं। गोपनीय सामग्री के प्रेस से आयोग में उपलब्ध होने व आयोग से जिलों को उपलब्ध कराए जाने व परीक्षा तिथि को कोषागार से सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से परीक्षा केंद्रों को उपलब्ध कराते समय हर स्तर पर वीडियोग्राफी की जाती है।

गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य, केंद्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक की उपस्थिति में खोले जाते हैं। प्रत्येक प्रश्नपत्र पर पेपर सील लगी होती है, जिसकी कभी-कभी यातायात के दौरान टूटने की आशंका हो सकती है। सील को कक्ष निरीक्षक के निर्देश पर अभ्यर्थी खोलते हैं। ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर व समय मिल सके। प्रश्नपत्र की गोपनीयता संरक्षित है। उन्होंने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों की ओर से उठाए गए सवाल निराधार हैं। कुछ लोग इस बारे में भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, जिनके खिलाफ नए नकल विरोधी अध्यादेश के तहत कार्रवाई की जाएगी।

हमने पूरे देश में सबसे सख्त नकल विरोधी अध्यादेश बनाया है। अब कोई भी नकल का मामला आता है तो उस पर अध्यादेश के मुताबिक कार्रवाई होगी। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।