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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में लिया हिस्सा

देहरादून:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाई गई है। समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी धर्मों व संप्रदाय के निवासी लाभान्वित होंगे।

सभी धर्मों को मानने वाली महिलाओं की स्थिति में भी गुणात्मक सुधार होगा। आंतरिक और सामरिक सुरक्षा के मोर्चे पर राज्य की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने इनके समाधान के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता देने का भी अनुरोध किया है

गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में हिस्सा लिया

गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में हिस्सा लिया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन और संविधान की भावना का सम्मान करते हुए समान नागरिक संहिता लागू करने पर कार्य किया जा रहा है। विशेषज्ञ समिति अभी इसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कठिन एवं दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। इसकी सीमाएं चीन और नेपाल से जुड़ी हुई हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा में सामरिक रूप से उत्तराखंड का महत्वपूर्ण स्थान है। उत्तराखंड से सीमावर्ती क्षेत्रों से हो रहा पलायन चुनौतीपूर्ण है। इसे रोकने के लिए अवस्थापना सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सीमांत जिले पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी में 600 किमी की सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में युवाओं को एनसीसी से जोडऩे का कार्य चल रहा है।

उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के तहत विभिन्न संगठनों की अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सरकार राज्य में धार्मिक उन्माद एवं कट्टरपंथी गतिविधियों को हतोत्साहित करने के लिए प्रभावी तरीके से कार्य कर रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में राजस्व पुलिस के क्षेत्राधिकार चरणबद्ध तरीके से नियमित पुलिस को देने के संबंध में भी जानकारी दी।

हिम प्रहरी योजना के लिए चाहिए प्रतिमाह पांच करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए हिम प्रहरी योजना पर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 10 हजार सेवानिवृत्त सैनिकों, अद्र्धसैनिकों एवं युवाओं को सीमा सुरक्षा के संंबंध में प्रशिक्षित कर सीमांत जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश को केंद्र से प्रतिमाह पांच करोड़ रुपये और सालाना 60 करोड़ की जरूरत होगी। इसके साथ ही उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इनर लाइन प्रतिबंधों में छूट देने का भी अनुरोध किया।

पुलिस थाने व चौकियों के लिए 750 करोड़ की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पुलिस के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। इसके लिए पुलिस बल को आधुनिक हथियारों से सुसज्जित करना है। पुलिस में नए थानों, पुलिस चौकियों एवं पुलिस कर्मियों के आवास के निर्माण का कार्य किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार को विशेष अनुदान के रूप में 750 करोड़ रुपये की अविलंब आवश्यकता है।

आपदा राहत के लिए एक हेलीकाप्टर की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को लगातार प्रकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए आपदा प्रबंधन शोध संस्थान की जरूरत है। आपदा एवं वनाग्नि की घटनाओं में त्वरित कार्रवाई के लिए प्रदेश को यदि एक हेलीकाप्टर मिल जाता है तो यह आपदा नियंत्रण में सहायक साबित होगा।

महिला सुरक्षा को बनाया जा रहा एप

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील है। सरकार इसे शीर्ष प्राथमिकता में शामिल करते हुए अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर रही है। कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक एप भी बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसमें पंजीकरण के बाद महिलाओं को प्रभावी सुरक्षा दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को नशामुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।