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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- अस्पतालों में बीमार या घायलों के उपचार में न हो कोई कमी

देहरादून। पौड़ी जिला अस्पताल में सामने आई अव्यवस्था को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से मामले में रिपोर्ट तलब करने के साथ ही अस्पताल में तत्काल सभी बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। 

उन्होंने लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बस हादसे के मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और गंभीर घायलों को एक-एक लाख रुपये की धनराशि तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।

पौड़ी से देहलचौरी में हुआ था हादसा

रविवार को पौड़ी से देहलचौरी जा रही यात्री बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई थी, इसमें छह लोगों की मौत हुई और 22 यात्री घायल हुए। इस हादसे के बाद घायलों को पौड़ी जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां उस दौरान चिकित्सक भी नहीं थे। 

 

निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्रों से जब चिकित्सक अस्पताल आए तो वहां बिजली नहीं थी। चिकित्सकों ने मोबाइल टार्च से प्राथमिक उपचार किया। इससे घायलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके बाद सभी को रेफर कर दिया गया। 

जिला सरकारी अस्पताल में घायलों के इलाज के दौरान सामने आई अव्यवस्था का विषय प्रमुखता से प्रकाशित किया था। यह मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून स्थित कैंप कार्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। 

 

उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड में दूरदराज तक स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क उपलब्ध है। ऐसे में अस्पतालों में गंभीर बीमार या घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सभी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही आवश्यक दवा और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता हर वक्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

परिवहन विभागों को दिए जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री धामी ने बस हादसों के कारणों की जांच कर इसमें अधिकारियों की किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव के समक्ष उठाया तैनाती न देने का विषय

भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से मुलाकात कर नैनीताल में छह पटवारी, लेखपाल व राजस्व उप निरीक्षकों को नियुक्ति न दिए जाने का विषय रखा। 

उन्होंने कहा कि यह अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है क्योंकि चयनित होने के पश्चात प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके इन कार्मिकों को तत्काल नियुक्ति मिलनी चाहिए थी। ऐसा नहीं हुआ। अब अभ्यर्थी नैनीताल कलेक्ट्रेट और शासन के चक्कर काट रहे हैं। अपर मुख्य सचिव ने आनंद बर्द्धन ने जुगरान को आश्वस्त किया कि वे प्रकरण पर जानकारी लेकर विधि सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे।

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